Ganesh Ji Ki Aarti Likhi Hui | गणेश जी की आरती लिखी हुई: एक भव्य भक्ति अनुभव

गणेश जी की आरती लिखी हुई रूप में पूजा और भक्ति के समय बहुत उपयोगी होती है। भगवान गणेश, जो विघ्नहर्ता और समृद्धि के देवता माने जाते हैं, उनकी आरती का जाप भक्तों को मानसिक शांति, सुख, और सफलता की प्राप्ति में सहायक होता है। Ganesh Ji Ki Aarti Likhi Hui का पाठ करना आसान और सरल होता है। इस आरती में खासतौर पर भगवान के अनेक रूपों और उनके गुणों का वर्णन किया जाता है, जैसे उनका धन, ऐश्वर्य, और उनके विभिन्न रूपों से जुड़ी कथाएँ।

जब कोई भक्त इस आरती का उच्चारण करता है या लिखी हुई आरती का पाठ करता है, तो उसकी श्रद्धा और आस्था भगवान गणेश में और भी मजबूत हो जाती है। गणेश आरती की एक विशेष बात यह है कि इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। यहां हमने आपके लिए सम्पूर्ण आरती को आपके लिए नीचे उपलब्ध कराया है-

गणेश जी की आरती लिखी हुई

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी, माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा, लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया, बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी, कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी।

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।

गणेश जी की आरती के साथ Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics और Kuber Ji Ki Aarti Lyrics को करना अत्यधिक लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसके अलावा Ganesh Aarti Image और Ganesh Aarti Mp3 Download करके भी आरती की जा सकती है।

Ganesh Ji Ki Aarti Likhi Hui की विधि

गणेश जी की आरती का सही तरीके से पाठ करने से भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। नीचे गणेश आरती करने की विधि को चरण दर चरण बताया गया है-

  1. स्थान का चयन : आरती करने के लिए सबसे पहले एक स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें। इसे पूजा स्थल या घर के मंदिर में किया जा सकता है।
  2. स्वच्छता: पूजा स्थल को साफ और पवित्र रखें। अपने शरीर को भी स्वच्छ रखें ताकि पूजा विधि सही तरीके से हो सके।
  3. मूर्ति स्थापना: भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर रखें। मूर्ति के सामने एक दीपक जलाएं और फूल चढ़ाएं।
  4. संगीत और शंखनाद: आरती से पहले यदि संभव हो तो शंख, घंटी, या कोई संगीत वाद्ययंत्र बजाएं ताकि वातावरण पवित्र हो।
  5. आरती: अब गणेश जी आरती का उच्चारण करें। आप इसे स्मरण करके, गाकर या पढ़कर कर सकते हैं।
  6. मंत्र जाप: आरती के बाद गणेश मंत्रों का जाप करें, जैसे “ॐ गण गणपतये नमः”, ताकि और भी अधिक लाभ प्राप्त हो।
  7. पुष्प अर्पण: आरती के बाद भगवान गणेश को ताजे फूलों और मिष्ठान का भोग अर्पित करें।
  8. धूप और दीपक: पूजा के बाद दीपक और धूप को भगवान के चरणों में अर्पित करें और घर में चारों ओर घुमाएं।
  9. प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद वितरण करें और सभी को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करने की शुभकामनाएं दें।
  10. धन्यवाद: अंत में भगवान गणेश का धन्यवाद करें और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनका आभार व्यक्त करें।

इस प्रकार, गणेश जी की आरती विधि से पूजा करते समय श्रद्धा और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए हर चरण को पूरा करना चाहिए। इससे भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।

गणेश जी की आरती करने के लाभ:

  • मानसिक शांति: आरती से मानसिक शांति मिलती है। इसका नियमित पाठ तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, जिससे मन स्थिर और शांत रहता है।
  • धन की प्राप्ति: इस आरती से घर में समृद्धि का वास होता है। यह धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यंत लाभकारी है।
  • सुख-शांति: गणेश जी की आरती करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। परिवार में आपसी समझ और सामंजस्य बढ़ता है।
  • स्वास्थ्य लाभ: आरती करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है जो शरीर और मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होता है।
  • शुरुआत में मदद: नए कार्य की शुरुआत में भगवान गणेश की आरती करना विशेष रूप से शुभ होता है। इससे सफलता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं और कार्य में रुकावटें दूर होती हैं।
  • समस्या समाधान: यह की आरती परिवार में किसी भी प्रकार की लड़ाई-झगड़े और मतभेद को दूर करने में मदद करती है। यह पारिवारिक जीवन को खुशहाल बनाता है।
  • नकारात्मक ऊर्जा: गणेश आरती घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करती है और सकारात्मक वातावरण का निर्माण करती है।
  • आशीर्वाद और कृपा: आरती करने से व्यक्ति को भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है, जो उसे जीवन में खुशियां और समृद्धि प्रदान करती है।

इन सभी लाभों के कारण, गणेश जी की आरती करना एक उत्तम आध्यात्मिक अभ्यास है, जो जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाता है।

FAQ

क्या यह आरती को किसी विशेष विधि से करना चाहिए?

नहीं, आरती करने की बहुत से विधिया है आप अपनी सुविधा के अनुसार अपने बुजुर्गो द्वारा बताई गई विधि के अनुसार आरती कर सकते है।

गणेश जी की आरती कितनी बार करनी चाहिए?

क्या गणेश जी की आरती का पाठ घर में करना चाहिए?

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