दुर्गा देवी मंत्रम हमारे मन में शक्ति, साहस का संचार करने वाला एक अदभुत मंत्र है। देवी दुर्गा भारतीय धर्म और संस्कृति में एक प्रमुख स्थान रखती हैं। Durga Devi Mantram का जाप करते समय व्यक्ति को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए, ताकि देवी माँ की कृपा प्राप्त हो सके। माँ दुर्गा के मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
दुर्गा जी का मंत्र विशेष रूप से शक्ति, समृद्धि, शांति, और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए जपा जाता हैं। माँ दुर्गा के मंत्रों में शक्ति का अहसास होता है, और यह व्यक्ति को जीवन के कठिन मार्गों पर चलने की ऊर्जा प्रदान करते हैं। देवी दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण करना एक सशक्त साधना है, जो व्यक्ति के जीवन में उन्नति और समृद्धि लाने का कार्य करता है। हमने आपको सुविधा के लिए इस मंत्र को नीचे आपके लिए उपलब्ध कराया है –
दुर्गा देवी मंत्रम
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके,
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते। 1
ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी,
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते। 2
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
या देवी सर्वभूतेषु शांतिरूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ 3
नवार्ण मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै॥ 4
अपने जीवन में एकाग्रता और शांति को बनाये रखने लिए इन मंत्रों Gayatri Mantra Lyrics, Shiv Shakti Mantra, Durga Saptashati Mantra और Durga Hawan Mantra का जाप भी अत्यंत लाभकारी हो सकता है।
Durga Devi Mantram जाप की विधि:
माँ दुर्गा के मंत्र का जाप करने के लिए कुछ विशेष विधियों का पालन किया जाता है। निम्नलिखित तरीके से आप माँ दुर्गा के मंत्र का जाप कर सकते हैं:
- स्वच्छता: सबसे पहले, अपने शरीर और मन को शुद्ध करें। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को साफ करें, इससे आपका मन और वातावरण शुद्ध रहेगा, जिससे मंत्र जाप का प्रभाव अधिक रहेगा।
- स्थान: मंत्र का जाप मंदिर या शुद्ध और शांतिपूर्ण स्थान पर करना चाहिए जहां आप बिना किसी बाधा के मंत्र का जाप कर सके।
- आह्वान: जाप शुरू करने से पहले देवी माँ दुर्गा का आह्वान करें। आप अपनी श्रद्धा अनुसार उनका ध्यान करें और उन्हें मानसिक रूप से आमंत्रित करें।
- मंत्र जाप: अब माँ दुर्गा के मंत्र का जाप करना प्रारंभ करें। ध्यान रखें कि मंत्र का उच्चारण साफ और सही तरीके से हो, मंत्र का सही उच्चारण देवी माँ की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
- माला का प्रयोग: अगर आप मंत्र का जाप माला से करना चाहते हैं, तो 108 मणियों वाली माला का उपयोग करें। माला के प्रत्येक दाने पर एक बार मंत्र का उच्चारण करें।
- स्मरण और ध्यान: मंत्र के जाप के साथ साथ माँ दुर्गा का ध्यान भी करें। ध्यान में उनकी कृपा और शक्ति की अनुभूति करें।
- नियमितता: मंत्र जाप का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है नियमितता। इसे प्रतिदिन करने से इसके फल जल्दी प्राप्त होते है। श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का उच्चारण करें, क्योंकि आपकी आस्था ही मंत्र के प्रभाव को बढ़ाती है।
- समाप्ति: जब आप अपना मंत्र जाप समाप्त करें, तो माँ दुर्गा का धन्यवाद करें। उन्हें प्रणाम करें और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए धन्यवाद दें।
माँ दुर्गा के मंत्र का जाप एक शक्तिशाली साधना है, जो मानसिक शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करता है। यदि इसे सही विधि और श्रद्धा से किया जाए, तो यह जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है
जाप के लाभ
मंत्र का जाप करने से अनेक आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं। नीचे मंत्र जाप करने के प्रमुख लाभों की सूची दी गई है:
- मानसिक शांति: मंत्र जाप करने से मानसिक शांति और संतुलन मिलता है। यह मानसिक तनाव, चिंता और नकारात्मक विचारों को दूर करने में मदद करता है।
- संकटों से मुक्ति: दुर्गा मंत्र का जाप करने से जीवन के संकटों और मुश्किलों से छुटकारा मिलता है। यह आपके अंदर संकटों का सामना करने की शक्ति और साहस बढ़ाता है।
- धन की प्राप्ति: यह मंत्र आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति में सहायक होता है। यदि किसी व्यक्ति को धन की कमी महसूस हो रही हो, तो इस मंत्र के जाप से धन का आगमन हो सकता है।
- मानसिक बल: माँ दुर्गा के मंत्र से शारीरिक और मानसिक बल में वृद्धि होती है। यह आपके शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे आप अधिक सक्रिय और ऊर्जावान महसूस करते हैं।
- आध्यात्मिक प्रगति: दुर्गा मंत्र का जाप व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में मदद करता है। यह व्यक्ति को परम सत्य की ओर मार्गदर्शन करता है और आत्मज्ञान प्राप्त करने की दिशा में प्रगति होती है।
- सुरक्षा और सुरक्षा: इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को बुरी शक्तियों, शत्रुओं और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है।
- सकारात्मक बदलाव: मंत्र के जाप से व्यक्ति का व्यक्तित्व सकारात्मक रूप से बदलता है। यह उसकी सोच को साफ और सकारात्मक बनाता है, जिससे जीवन में नए अवसर मिलते हैं।
- कार्यों में सफलता: मंत्र जाप करने से जीवन के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह व्यक्ति को सही निर्णय लेने की क्षमता देता है और कार्यों में सफलता दिलाने के लिए सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
- शांति और समृद्धि: नियमित रूप से दुर्गा मंत्र का जाप करने से जीवन में शांति, समृद्धि और सुख-शांति का वास होता है। माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में प्रेम, सामंजस्य और खुशियाँ आती हैं।
मंत्र का जाप करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति का मार्ग खोलता है। यह व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और उसे संकटों से उबरने की शक्ति प्रदान करता है।
FAQ
मंत्र का जाप कब और कैसे करें?
दुर्गा मंत्र का जाप प्रात:काल या संध्याकाल के समय शांत वातावरण में किया जा सकता है।
क्या मंत्र का जाप माला से करना चाहिए?
हाँ, मंत्र का जाप माला से करना अधिक लाभकारी होता है। 108 दाने वाली माला से जाप करना आदर्श है, क्योंकि यह पूर्णता और समर्पण का प्रतीक है।
माँ दुर्गा मंत्र का प्रभाव कब दिखता है?
अगर मंत्र का जाप श्रद्धा और नियमितता से किया जाए, तो इसका प्रभाव कुछ ही दिनों में दिखने लगता है।
क्या इस मंत्र का जाप केवल नवरात्रि में करना चाहिए?
हाँ, इस मंत्र का जाप नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से लाभकारी होता है, लेकिन इसे पूरे साल कभी भी किया जा सकता है।