धन्वंतरि गायत्री मंत्र | Dhanvantari Gayatri Mantra : मानसिक स्वास्थ्य

धन्वंतरि गायत्री मंत्र स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रति आपकी आस्था को बढ़ाता है। धन्वन्तरि जी हिन्दू मान्यता के अनुसार ये भगवान विष्णु के अवतार हैं जिन्होंने आयुर्वेद प्रवर्तन किया। इस मंत्र का जाप करने से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है। Dhanvantari gayatri mantra को आयुर्वेद के देवता की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने का माध्यम माना जाता है।

यह मंत्र न केवल रोगों को दूर करने में सहायक है, बल्कि नकारात्मक ऊर्जा और मानसिक तनाव को भी समाप्त करता है। इस मंत्र के नियमित जाप से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आरोग्यता का संचार होता है। यहां हमनेखास आपके लिए इस मंत्र को उपलब्ध कराया है-

Dhanvantari Gayatri Mantra

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलशा हस्थाय धीमहि, तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात।
ॐ वासुदेवाय विद्महे वैध्यराजाय धीमहि, तन्नो धन्वन्तरि प्रचोदयात।
ॐ अमुद हस्ताय विद्महे, आरोग्य अनुग्रहाय धीमहि, तन्नो धनवन्त्री प्रचोदयात्।

धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि के साथ-साथ माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की पूजा की भी मान्यता है। ऐसे में आप Laxmi ji ki aarti, Shri Kuber Ji Ki Aarti और Ganesh bhagwan ki aarti भी कर सकते है, जो आपके लिए बहुत लाभकारी होगा।

धन्वंतरि गायत्री मंत्र का जाप करने की विधि

  1. आसन: जाप करने के लिए आप साफ -सुथरे और शांत स्थान का चयन करें। 
  2. मन्त्र गान:  मंत्र का जाप करते समय मधुर संगीत बजाने से और गाने से मन शांत हो जाता हैं, ऐसा करना आवश्यक नहीं है।
  3. शुद्धिकरण: आप अपने हाथों को पानी से धोकर और धुप, अगरबत्ती जलाकर अपने चारो तरफ के वातावरण को शुद्ध कर लें। 
  4. मंत्र जाप: जाप करते समय माला या जाप माला का प्रयोग करें। मंत्र का जाप करते समय धन्वंतरि देवता का ध्यान करें।
  5. यज्ञोपवीत धारण: यदि संभव हो तो आप इस मंत्र का जाप करते समय यज्ञ कर सकते हैं। ऐसा करना आपके मंत्र जाप के प्रभाव को और अधिक बढ़ाता है।
  6. दृढ़ संकल्प: जाप करते समय दृढ़ संकल्प लें की आप पूरी श्रद्धा भाव से मंत्र का जाप करेंगे।
  7. जाप की संख्या: आरंभ में कुछ मिनटों के लिए 108 बार जाप करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाते जाएँ जब तक की आप प्रैक्टिस में महारत हासिल न कर लें। 
  8. धन्यवाद: मंत्र जाप खत्म होने  के बाद आप दिल से भगवान को धन्यवाद करें। 
  9. समापन: जाप करने के बाद उनसे स्वस्थ्य और समृद्ध जीवन का आशीर्वाद मांगे और उनका भक्तिभाव से धन्यवाद करें। 

गायत्री मंत्र के जाप के लाभ

  • स्वास्थ्य में सुधार: यह मंत्र आयुर्वेदिक चिकित्सा के देवता धन्वंतरि की कृपा को प्राप्त करने में सहायक होता है, जिससे आपका स्वास्थ्य सुधर सकता है।
  • रोगनिवारण: नियमित जाप से रोगों का नाश होता है और आप निरोग जीवन व्यतीत करते हैं।
  • मानसिक शांति: जाप करने से मानसिक तनाव और चिंता खत्म होता है, और आप एक शांत और सुकून का जीवन जीते हैं। 
  • आत्मा की शुद्धि: मंत्र जाप सच्ची श्रद्धा से करने से आपका शरीर स्वस्थ्य और आत्मा शुद्ध होती है, और आप अपने जीवन में उन्नति करते हैं। 
  • धन और समृद्धि: इस मंत्र के जाप से धन्वंतरि जी की कृपा से आपको धन और समृद्धि प्राप्त होता है, और आपका जीवन सदा सम्पन्न रहता है। 
  • शिक्षा में सफलता: नियमित जाप से आप शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में सफलता पाते हैं। 
  • आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र के जाप से आपका भक्ति में विश्वास बढ़ता है और आप अध्यात्म की गहराई से जुड़ जाते हैं। 
  • कर्तव्यनिष्ट: जाप से आप अपने कार्यों में सफलता पाते हैं, और आप अपने कर्तव्यों को सही तरीके से निभा पाते हैं।
  • सुख और समृद्धि: इस मंत्र के जाप से परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती  है, तथा परिवार और सामाजिक संतुलन बना रहता है।
  • उत्कृष्टता: इस मंत्र के नियमित जाप से आपका सम्पूर्ण जीवन उत्कृष्टतापूर्ण और सम्पन्न हो जाता है, और आप अपने जीवन के लक्ष्यों को आसानी से पा सकते हैं। 

इस मंत्र का नियमित श्रद्धा से  जाप करने से आप शांति और रोगमुक्त जीवन जी पाएंगे ,और अपने जीवन को संतुलित और सुखमय बना सकते हैं। प्रतिदिन जाप करके आप आरोग्य जीवन, धन और समृद्धि की ओर एक सकारात्मक कदम बढ़ा सकते हैं।

FAQ

जाप कितनी बार करना चाहिए ?

जाप प्रारम्भ में 108 बार करना चाहिए,बाद में  मंत्रजाप की संख्या को धीरे-धीरे बढ़ा देना चाहिए।

मंत्र को किसी विशेष अवसर पर क्यों जाप किया जाता है ?

क्या मंत्र का जाप करना सबके लिए अनिवार्य है ?

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