भक्तों के मन में बसे भैरव बाबा की भक्ति का सबसे सरल और प्रभावशाली माध्यम है भैरव चालीसा । जो लोग Bhairav Chalisa in Hindi खोज रहे हैं, वे आमतौर पर दैनिक पाठ, भैरव बाबा की कृपा पाने, या जीवन की बाधाओं से मुक्ति के लिए इस चालीसा को पढ़ते हैं। यह आर्टिकल न केवल आपको Bhairav Chalisa का सम्पूर्ण पाठ उपलब्ध कराता है, बल्कि इसकी जाप विधि को भी एकदम आसान भाषा में दे रहा है, जिससे हर भक्त सहजता से जुड़ सके-
Bhairav Chalisa Lyrics
दोहा
श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ,
चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ।
श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल,
श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल।
चौपाई
जय जय श्री काली के लाला॥
जयति जयति काशी- कुतवाला॥१॥
जयति बटुक- भैरव भय हारी॥
जयति काल- भैरव बलकारी॥२॥
जयति नाथ- भैरव विख्याता॥
जयति सर्व- भैरव सुखदाता॥३॥
भैरव रूप कियो शिव धारण॥
भव के भार उतारण कारण॥४॥
भैरव रव सुनि हवै भय दूरी॥
सब विधि होय कामना पूरी॥५॥
शेष महेश आदि गुण गायो॥
काशी- कोतवाल कहलायो॥६॥
जटा जूट शिर चंद्र विराजत॥
बाला मुकुट बिजायठ साजत॥७॥
कटि करधनी घुंघरू बाजत॥
दर्शन करत सकल भय भाजत॥८॥
जीवन दान दास को दीन्ह्यो॥
कीन्ह्यो कृपा नाथ तब चीन्ह्यो॥९॥
वसि रसना बनि सारद- काली॥
दीन्ह्यो वर राख्यो मम लाली॥१०॥
धन्य धन्य भैरव भय भंजन॥
जय मनरंजन खल दल भंजन॥११॥
कर त्रिशूल डमरू शुचि कोड़ा॥
कृपा कटाक्ष सुयश नहिं थोडा॥१२॥
जो भैरव निर्भय गुण गावत॥
अष्टसिद्धि नव निधि फल पावत॥१३॥
रूप विशाल कठिन दुख मोचन॥
क्रोध कराल लाल दुहुं लोचन॥१४॥
अगणित भूत प्रेत संग डोलत॥
बम बम बम शिव बम बम बोलत॥१५॥
रुद्रकाय काली के लाला॥
महा कालहू के हो काला॥१६॥
बटुक नाथ हो काल गंभीरा॥
श्वेत रक्त अरु श्याम शरीरा॥१७॥
करत नीनहूं रूप प्रकाशा॥
भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा॥१८॥
रत्न जड़ित कंचन सिंहासन॥
व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन॥१९॥
तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं॥
विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं॥२०॥
जय प्रभु संहारक सुनन्द जय॥
जय उन्नत हर उमा नन्द जय॥२१॥
भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय॥
वैजनाथ श्री जगतनाथ जय॥२२॥
महा भीम भीषण शरीर जय॥
रुद्र त्रयम्बक धीर वीर जय॥२३॥
अश्वनाथ जय प्रेतनाथ जय॥
स्वानारुढ़ सयचंद्र नाथ जय॥२४॥
निमिष दिगंबर चक्रनाथ जय॥
गहत अनाथन नाथ हाथ जय॥२५॥
त्रेशलेश भूतेश चंद्र जय॥
क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय॥२६॥
श्री वामन नकुलेश चण्ड जय॥
कृत्याऊ कीरति प्रचण्ड जय॥२७॥
रुद्र बटुक क्रोधेश कालधर॥
चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर॥२८॥
करि मद पान शम्भु गुणगावत॥
चौंसठ योगिन संग नचावत॥२९॥
करत कृपा जन पर बहु ढंगा॥
काशी कोतवाल अड़बंगा॥३०॥
देयं काल भैरव जब सोटा॥
नसै पाप मोटा से मोटा॥३१॥
जनकर निर्मल होय शरीरा॥
मिटै सकल संकट भव पीरा॥३२॥
श्री भैरव भूतों के राजा॥
बाधा हरत करत शुभ काजा॥३३॥
ऐलादी के दुख निवारयो॥
सदा कृपाकरि काज सम्हारयो॥३४॥
सुन्दर दास सहित अनुरागा॥
श्री दुर्वासा निकट प्रयागा॥३५॥
श्री भैरव जी की जय लेख्यो॥
सकल कामना पूरण देख्यो॥३६॥
दोहा
जय जय जय भैरव बटुक स्वामी संकट टार,
कृपा दास पर कीजिए शंकर के अवतार।
Bhairav Chalisa का नियमित पाठ न केवल मन की शांति देता है, बल्कि जीवन में आने वाले अदृश्य संकटों से भी रक्षा करता है। यदि आप भैरव बाबा की गहन साधना में रुचि रखते हैं, तो काल भैरव मंत्र और भैरव अष्टमी व्रत विधि को भी ज़रूर जानें, ये सभी साधनाएं मिलकर आपकी आत्मिक ऊर्जा को कई गुना बढ़ा सकती हैं। इसके साथ साथ Nakoda Bhairav Chalisa और Batuk Bhairav Chalisa का पाठ भी अत्यधिक लाभदायक होता है।
Bhairav Chalisa पाठ करने की विधि
अगर आप अपने जीवन से भय, संकट और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना चाहते हैं, तो आज ही श्रद्धा से Kaal Bhairav Chalisa का पाठ शुरू करें, जानिए इसकी सही विधि और नियम।
- समय: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर या किसी शांत स्थान में पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- ध्यान: पाठ से पहले दीपक जलाएं, भैरव बाबा की प्रतिमा या फोटो के सामने बैठकर उनका ध्यान करें और “ॐ कालभैरवाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- चालीसा पाठ: भक्ति और श्रद्धा से पूरे ध्यान के साथ भैरव चालीसा का पाठ करें। ध्यान रखें कि उच्चारण शुद्ध और एकाग्र मन से हो।
- पाठ संख्या : यदि आप किसी विशेष इच्छा पूर्ति के लिए पाठ कर रहे हैं, तो 11, 21 या 40 दिनों तक लगातार चालीसा का पाठ करें।
- धन्यवाद: पाठ समाप्त होने के बाद भैरव बाबा को धन्यवाद दें और उनसे जीवन में रक्षा, मार्गदर्शन और शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करें।
सच्चे मन से किया गया काल भैरव चालीसा पाठ न सिर्फ आपके जीवन में ऊर्जा भरता है, बल्कि काल भैरव की असीम कृपा भी सहजता से प्राप्त होती है।
FAQ
काल भैरव की चालीसा का पाठ किस दिन करना सबसे शुभ माना जाता है?
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में या मंगलवार और शनिवार को पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है।
क्या इसका पाठ रोज कर सकते हैं?
हाँ, प्रतिदिन श्रद्धा पूर्वक इसका पाठ किया जा सकता है। इससे मानसिक बल और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
इसके पाठ से क्या लाभ मिलता हैं?
यह चालीसा संकटों से रक्षा करती है, भय को दूर करती है और नकारात्मक ऊर्जा से बचाती है।
क्या महिलाएं चालीसा पढ़ सकती हैं?
जी हाँ, पूरी श्रद्धा से कोई भी भक्त भैरव बाबा की चालीसा पढ़ सकता है।
मैं शिवप्रिया पंडित, माँ शक्ति का एक अनन्य भक्त और विंध्येश्वरी देवी, शैलपुत्री माता और चिंतापूर्णी माता की कृपा से प्रेरित एक आध्यात्मिक साधक हूँ। मेरा उद्देश्य माँ के भक्तों को उनके दिव्य स्वरूप, उपासना विधि और कृपा के महत्व से अवगत कराना है, ताकि वे अपनी श्रद्धा और भक्ति को और अधिक दृढ़ बना सकें। मेरे लेखों में इन देवी शक्तियों के स्तोत्र, चालीसा, आरती, मंत्र, कथा और पूजन विधियाँ शामिल होती हैं, ताकि हर भक्त माँ की आराधना सही विधि से कर सके और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुख-समृद्धि से भर सके। जय माता दी! View Profile 🙏🔱