Bhairav Aarti | भैरव जी की आरती : ग्रहों से मुक्ति

काल भैरव जी की आरती करने से शंकर भगवान अति प्रसन्न होते हैं, क्युकि Bhairav Aarti या पूजा करना मतलब भगवान शंकर जी की आरती करना माना जाता है। इनकी सिद्धि प्राप्त करने से मनचाहा वरदान पूरा होता है। 

Bhairav baba ki aarti करने से मनुष्यों को राहु, शनि जैसे ग्रहों से मुक्ति मिलती है, जीवन के सारे कष्ट और नकारात्मक शक्तिया दूर होती हैं, और बाबा काल भैरव का हाथ सदा भक्तों पर बना रहता है। यदि आप भी आरती करना चाहते हैं तो इनकी आरती निम्नलिखित है।

भैरव जी की आरती

जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा…
जय काली और गौर देवी कृत सेवा॥
॥जय भैरव देवा…॥

तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक…
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक॥
॥जय भैरव देवा…॥

वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी…
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी॥
॥जय भैरव देवा…॥

तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे…
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे॥
॥जय भैरव देवा…॥

तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी…
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी॥
॥जय भैरव देवा…॥

पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत…
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत॥
॥जय भैरव देवा…॥

बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे…
कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे॥
॥जय भैरव देवा…॥

आप बाबा भैरव के अलावां भगवान शिव के कुछ मुख्य पाठों जैसे – Shiv Panchakshar Stotra, Shiv Stuti, Shiv Aarti Lyrics, shiv rudra mantra आदि का जाप कर सकते हैं। जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है की बाबा भैरव भगवान शिव के पांचवें अवतार हैं।

भैरव बाबा की आरती करने की स्पेशल विधि

  • स्नान – आप स्नान करके साफ कपड़े पहन ले। 
  • शुद्धि – इसके बाद गंगा जल से आप पूजा स्थान और खुद को शुद्ध कर ले। 
  • ध्यान योग्य बातें – याद रहे इनकी पूजा करते समय किसी के बारे में बुरा न सोचे। 
  • पूजा प्रारम्भ – शुद्धि करने के बाद आप आसन पर बैठकर पूजा शुरू करें। 
  • अर्पित करें – नारियल, धूप, फूल, धतूर, शराब, भांग, रोली, कपूर इत्यादि अर्पित करें। 
  • प्रसाद चढ़ाये – भगवान काल भैरव को मीठी रोटी, पेड़ा, गुड़ तिल आदि चढ़ाये। 
  • आरती – इसके बाद भगवान भैरव की आरती सच्ची श्रद्धा से करें। 
  • वाहन को प्रसाद खिलाये – आरती खत्म करने के बाद भैरव जी के वाहन कुत्ता को मीठा खिलाये। 

Bhairav Aarti के मुख्य लाभ

  • ग्रह दोष – भैरव भगवान की आरती करने से ग्रह दोष जैसे राहु, शनि से मुक्ति मिलती है। 
  • नकारात्मक शक्ति – काल भैरव की आरती करने से हमारे जीवन से नकारात्मक शक्ति दूर होती है। 
  • अकाल मृत्यु – श्री bhairav ji ki aarti से अकाल मृत्यु का संकट खत्म हो जाता है। 
  • इच्क्षापूर्ति – इनकी आरती करने से आप की मांगी हुयी मुराद पूरी  होती  है। 
  • भय और चिंता मुक्त – काल भैरव जी की पूजा करने से आप के अंदर से भय और चिंता समाप्त हो जाता है। 
  • स्वास्थ्य – इनकी आरती करने के कारण आप का स्वास्थ्य हमेशा बना रहता है। 

FAQ

भैरव जी की पूजा आरती किस दिन करनी चाहिए ?

हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी व्रत और पूजा करना चाहिए  इसके अलावा प्रत्येक रविवार को इनकी पूजा आरती करनी चाहिए। 

भैरव भगवान की आरती किसे करना चाहिए ?

भैरव बाबा को कौन से तेल की दीपक जलाते हैं ?

भैरव बाबा की सिद्धि कैसे प्राप्त करें ?

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