Vishnu Ji Ki Aarti ॐ जय जगदीश हरे — स्वामी! जय जगदीश हरे... भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे !! जो ध्यावै फल पावै — दुख बिनसे मन का... सुख-संपत्ति घर आवै — कष्ट मिटे तन का !! !! ॐ जय !! मात-पिता तुम मेरे — शरण गहूं किसकी... तुम बिनु और न दूजा — आस करूं जिसकी !! !! ॐ जय !! तुम पूरन परमात्मा — तुम अंतरयामी... पारब्रह्म परेमश्वर — तुम सबके स्वामी !! !! ॐ जय !! तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता... मैं मूरख खल कामी — कृपा करो भर्ता !! !! ॐ जय !! तुम हो एक अगोचर — सबके प्राणपति... किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति !! !! ॐ जय !! दीनबंधु दुखहर्ता — तुम ठाकुर मेरे... अपने हाथ उठाओ — द्वार पड़ा तेरे !! !! ॐ जय !! विषय विकार मिटाओ — पाप हरो देवा... श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ — संतन की सेवा !! !! ॐ जय !! तन-मन-धन और संपत्ति — सब कुछ है तेरा... तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा !! !! ॐ जय !! जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे... कहत शिवानंद स्वामी — मनवांछित फल पावे !! !! ॐ जय !!

Vishnu Ji Ki Aarti | विष्णु जी की आरती : मनोकामनाओं की पूर्ति

हमारे हिन्दू धर्म में विष्णु जी की आरती, व्रत और पूजा करने से पुण्य मिलता है और भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न होते हैं। Vishnu ji ki aarti करने से आप की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, Vishnu bhagwan ji ki aarti करने के लिए आप व्रत भी रख सकते हैं यदि नहीं रख पाते हैं तो सिर्फ …

Read more

Ram Ji Ki Aarti श्री राम चंद्र कृपालु भजमन- हरण भव भय दारुणम्, नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्॥1॥ कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्, पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्॥2॥ भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्, रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्॥3॥ सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं, आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं॥4॥ इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्, मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्॥5॥ मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों, करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो॥6॥ एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली, तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली॥7॥ दोहा जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि। मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे॥

Ram Ji Ki Aarti | श्री राम जी की आरती : प्यार और सम्मान का भाव

श्री राम जी की आरती करने से तन-मन पवित्र हो जाता है। पुरे भारतवर्ष में इन्हे मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम से पुकारा जाता है। राम जी ने अपने कार्यों से मर्यादा में रहने और सबका सम्मान करने की शिक्षा दी हैं। Ram ji ki aarti करने से एक दूसरे के प्रति प्यार और सम्मान का …

Read more

chandraghanta mata ki aarti जय मां चंद्रघंटा सुख धाम, पूर्ण कीजो मेरे सभी काम !! चंद्र समान तुम शीतल दाती, चंद्र तेज किरणों में समाती !! क्रोध को शांत करने वाली, मीठे बोल सिखाने वाली !! मन की मालक मन भाती हो, चंद्र घंटा तुम वरदाती हो !! सुंदर भाव को लाने वाली, हर संकट मे बचाने वाली !! हर बुधवार जो तुझे ध्याये, श्रद्धा सहित जो विनय सुनाएं !! मूर्ति चंद्र आकार बनाएं, सन्मुख घी की ज्योत जलाएं !! शीश झुका कहे मन की बाता, पूर्ण आस करो जगदाता !! कांची पुर स्थान तुम्हारा, करनाटिका में मान तुम्हारा। नाम तेरा रटू महारानी, भक्त की रक्षा करो भवानी।

Chandraghanta Mata ki Aarti | चंद्रघंटा माता की आरती : शुभ फलों की प्राप्ति

जब नवरात्रि प्रारम्भ होता है तब तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की आरती और पूजा किया जाता है। माता के मस्तक पर घंटे के आकर में अर्धचंद्र बना है इसी कारण इनको चंद्रघंटा माता के नाम से पुकारा जाता है। Chandraghanta Mata ki Aarti का अर्थ केवल धार्मिक प्रार्थना नहीं है, बल्कि यह भक्त और देवी के …

Read more

gayatri mata aarti

Gaytri Mata Aarti | गायत्री माता आरती : जीवन मरण से मुक्ति

जिस प्रकार वेदों में गायत्री मंत्र को उत्तम माना गया है उसी प्रकार गायत्री माता आरती को भी सर्वाधिक उत्तम माना गया है। आरती और शंख नाद करने से घर का वातावरण शांत और खुशनुमा बन जाता है।  Gaytri mata aarti के फलस्वरूप से मनुष्यों को धर्म, अर्थ, काम मोक्ष से मुक्ति मिलती है। प्राचीन …

Read more

Durga Maa ki Aarti जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ माँग सिन्दूर विराजत, टीको मृगमद को ! उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ! रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजै !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्परधारी ! सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ! कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती ! धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ! मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी ! आगम-निगम-बखानी, तुम शिव पटरानी !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरूँ ! बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरु !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता ! भक्तन की दु:ख हरता, सुख सम्पत्ति करता !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ भुजा चार अति शोभित, वर-मुद्रा धारी ! मनवान्छित फल पावत, सेवत नर-नारी !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ कन्चन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ! श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥ श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावै ! कहत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावै !! ॥ॐ जय अम्बे गौरी॥

दुर्गा माँ की आरती | Durga Maa Ki Aarti : सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति

दुर्गा माँ की आरती आप प्रतिदिन कर सकते हैं, वही नवरात्रि में सुबह और शाम दोनों समय कर सकते हैं। Durga maa ki aarti करने वाले और आरती में शामिल होने वाले सभी को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होता है। Durga mata ki aarti करने से हमें जीवन में सफलता प्राप्त होती है तथा उनकी कृपा …

Read more

Shailputri Mata Aarti Lyrics शैलपुत्री मां बैल असवार... करें देवता जय जयकार॥ शिव शंकर की प्रिय भवानी... तेरी महिमा किसी ने ना जानी॥ पार्वती तू उमा कहलावे... जो तुझे सिमरे सो सुख पावे॥ ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू... दया करे धनवान करे तू॥ सोमवार को शिव संग प्यारी... आरती तेरी जिसने उतारी॥ उसकी सगरी आस पुजा दो... सगरे दुख तकलीफ मिला दो॥ घी का सुंदर दीप जला के... गोला गरी का भोग लगा के॥ श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं... प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं॥ जय गिरिराज किशोरी अंबे... शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे॥ मनोकामना पूर्ण कर दो... भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो॥

Shailputri Mata Aarti | शैलपुत्री माता की आरती : माँ दुर्गा की पहली शक्ति

शैलपुत्री माता की आरती देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप को समर्पित एक भक्तिपूर्ण स्तुति है। शैलपुत्री, जिनका नाम ‘पर्वत की पुत्री’ के अर्थ को प्रकट करता है, हिमालय की बेटी और देवी शक्ति का अवतार मानी जाती हैं। नवरात्रि के पहले दिन, उन्हें श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा जाता है। Shailputri Mata Aarti न …

Read more

Brahmacharini Mata ki Aarti Lyrics जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता... जय चतुरानन प्रिय सुख दाता ॥ ब्रह्मा जी के मन भाती हो... ज्ञान सभी को सिखलाती हो ॥ ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा... जिसको जपे सकल संसारा॥ जय गायत्री वेद की माता... जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता॥ कमी कोई रहने न पाए... कोई भी दुख सहने न पाए॥ उसकी विरति रहे ठिकाने... जो ​तेरी महिमा को जाने॥ रुद्राक्ष की माला ले कर... जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर॥ आलस छोड़ करे गुणगाना... मां तुम उसको सुख पहुंचाना॥ ब्रह्माचारिणी तेरो नाम... पूर्ण करो सब मेरे काम॥ भक्त तेरे चरणों का पुजारी... रखना लाज मेरी महतारी॥

Brahmacharini Mata ki Aarti | ब्रह्मचारिणी माता की आरती : मन की शांति

माँ ब्रह्मचारिणी, दुर्गा माँ की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति और स्वरूप हैं। ब्रह्मचारिणी माता की आरती और पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन किया जाता है। Brahmacharini Mata ki Aarti व पूजा करने से भक्तों के रुके सभी कार्य पूर्ण होते हैं, सभी दोषों से मुक्ति मिलती है, आप का शारीरिक स्वास्थ्य और मन की …

Read more

Navgrah Aarti आरती श्री नवग्रहों की कीजै, बाध, कष्ट, रोग, हर लीजै॥ सूर्य तेज़ व्यापे जीवन भर जाकी कृपा कबहुत नहिं छीजै॥ रुप चंद्र शीतलता लायें, शांति स्नेह सरस रसु भीजै॥ मंगल हरे अमंगल सारा, सौम्य सुधा रस अमृत पीजै॥ बुध सदा वैभव यश लाए, सुख सम्पति लक्ष्मी पसीजै॥ विद्या बुद्धि ज्ञान गुरु से ले लो, प्रगति सदा मानव पै रीझे॥ शुक्र तर्क विज्ञान बढावै, देश धर्म सेवा यश लीजे॥ न्यायधीश शनि अति ज्यारे, जप तप श्रद्धा शनि को दीजै॥ राहु मन का भरम हरावे, साथ न कबहु कुकर्म न दीजै॥ स्वास्थ्य उत्तम केतु राखै, पराधीनता मनहित खीजै॥

Navgrah Aarti | नवग्रह आरती : ग्रह दोष से मुक्ति

नवग्रह आरती करने से व्यक्ति के जीवन में सारे ग्रह दोष से मुक्ति मिलती हैं। इस Navgrah aarti को वे सभी लोग कर सकते हैं जो अपने जीवन में ग्रहों से परेशान हैं। इसके प्रभाव के कारण ही बना कार्य बिगड़ जाता है ऐसे में नवग्रह का आशीर्वाद पाने का ज्योतिष जी ने बड़ा सरल उपाय …

Read more

भैरव जी की आरती जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा… जय काली और गौर देवी कृत सेवा॥ ॥जय भैरव देवा…॥ तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक… भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक॥ ॥जय भैरव देवा…॥ वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी… महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी॥ ॥जय भैरव देवा…॥ तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे… चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे॥ ॥जय भैरव देवा…॥ तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी… कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी॥ ॥जय भैरव देवा…॥ पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत… बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत॥ ॥जय भैरव देवा…॥ बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे… कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे॥ ॥जय भैरव देवा…॥

Bhairav Aarti | भैरव जी की आरती : ग्रहों से मुक्ति

काल भैरव जी की आरती करने से शंकर भगवान अति प्रसन्न होते हैं, क्युकि Bhairav Aarti या पूजा करना मतलब भगवान शंकर जी की आरती करना माना जाता है। इनकी सिद्धि प्राप्त करने से मनचाहा वरदान पूरा होता है।  Bhairav baba ki aarti करने से मनुष्यों को राहु, शनि जैसे ग्रहों से मुक्ति मिलती है, जीवन के सारे कष्ट …

Read more

Dhanvantari Ji Ki Aarti जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा... जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।। ॥जय धन्वंतरि देवा - जय धन्वंतरि जी देवा॥ तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए... देवासुर के संकट आकर दूर किए।। ॥ जय धन्वंतरि देवा - जय जय धन्वंतरि देवा॥ आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया... सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।। ॥ जय धन्वंतरि देवा - जय जय धन्वंतरि देवा॥ भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी... आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।। ॥ जय धन्वंतरि देवा - जय जय धन्वंतरि देवा॥ तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे... असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।। ॥ जय धन्वंतरि देवा - जय जय धन्वंतरि देवा॥ हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा... वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।। ॥ जय धन्वंतरि देवा - जय जय धन्वंतरि देवा॥ धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे... रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।। ॥ जय धन्वंतरि देवा - जय जय धन्वंतरि देवा॥

Dhanvantari Ji Ki Aarti | धन्वंतरि जी की आरती : धन की प्राप्ति

धन्वंतरि जी की आरती व पूजा धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी जी के साथ ही किया जाता है। जिसप्रकार लक्ष्मी जी की आरती धन की देवी के रूप में किया जाता है उसी प्रकार भगवान Dhanvantari ji ki aarti व पूजा धन की प्राप्ति के लिए किया जाता है।  इनके आशीर्वाद और कृपा से आप …

Read more