Oonche Parvat Shankar Base
ऊंचे पर्वत शंकर बसे मै शंकर दे संग,
नी मैं मारगई नी माए एहदी नित घोटदी भंग….
ऊंचे पर्वत बरफा पैंदीया ए बर्फानी बाबा,
ना कोई ऐथे महल चोपड़ी ना कुल्ली ना ढाबा,
ए ता नित धुनिया सेके बस्मा ला वे अंग,
नी मैं मारगई नी माए एहदी नित घोटदी भंग…
लोकी बीजे कनका छोले एह ने भंग दे बूटे,
सारे भूत प्रेत ने लैंदे विच नशे दे झूठे,
भर भर बाटे पी बे भोला हो जाए मस्त मलंग,
नी मैं मारगई नी माए एहदी नित घोटदी भंग…
मैनू सपा तो डर लगता ए माला गल विच पावे,
बड़े बड़े सिंगा नंदी ते चढ़ जावे,
लोकी देखन खड़ खड़ ए नू आखन ए भोले दे रंग,
नी मैं मारगई नी माए एहदी नित घोटदी भंग….
डम डम डमरू भम भम भोला ए सारा जग गावे,
एहडी महिमा कोई न समझे न कोई समझावे,
एह तिरलोकी नाथ नी माए जटा दे विच गंग,
नी मैं मारगई नी माए एहदी नित घोटदी भंग….

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile