Bhole Baba Ki Gaura Bani Re Joganiya
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया,
प्यासे पिया को लेने चली पनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया……
चलते चलते मन गौरा का,
यहाँ वहाँ था डोला रे,
शिव शंकर से मन ही मन में,
उसने था ये बोला रे,
अपनी बना ले मुझे जोगनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया……
बात ना मानी मेरी तो,
में धुनि यही रमाऊँगी,
बैठ हिमालय पर्वत पे में,
सदा तेरी हो जाउंगी,
अपने बाबुल को छोड़ आयी गलिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया……
सांझ सवेरे शिव चरणों में,
में तो फूल चढ़ाउंगी,
उनके बागो की बनु मालनिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया…..
ॐ नाम शिव जाप करुँगी,
जय जयकार मनाऊंगी,
चरण पखारूँगी भोले के,
पल पल दर्शन पाऊँगी,
मन में बसी है शिव की मूरतिया,
गौरा बनी रे जोगनिया,
भोले बाबा की गौरा बनी रे जोगनिया…..

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके।जय श्री राम View Profile