होली खेल रहे बांके बिहारी आज रंग बरस रहा

होली खेल रहे बांके बिहारी आज रंग बरस रहा भजन में भक्त अपने प्रिय श्री कृष्ण के साथ होली के पर्व का उल्लास महसूस करते हैं। इस भजन में रंगों की बौछार, श्री कृष्ण की रासलीला, और भक्तों के हृदय में उमंग का विस्तार होता है। होली का यह पर्व श्री कृष्ण के संग प्रेम और भक्ति की गहराई को दर्शाता है, जिसमें भक्त हर रंग में रंगकर अपनी श्रद्धा को समर्पित करते हैं।

Holi Khel Rahe Banke Bihari Aaj Rang Baras Raha

होली खेल रहे बांके बिहारी,
आज रंग बरस रहा,
और झूम रही दुनिया सारी,
आज रंग बरस रहा।।

अबीर गुलाल के बादल छा रहे,
होरी है होरी है छोर मचा रहे,
झोली भर के गुलाल की मारी,
आज रंग बरस रहा,
होली खेल रहे बाँके बिहारी,
आज रंग बरस रहा।।

देख देख सखियन के,
मन हर्षा रहे,
मेरे बाँके बिहारी आज,
प्रेम बरसा रहे,
उनके संग में है राधा प्यारी,
आज रंग बरस रहा,
होली खेल रहे बाँके बिहारी,
आज रंग बरस रहा।।

आज नंदलाला ने,
धूम मचाई है,
प्रेम भरी होली की,
झलक दिखलाई है,
रंग भर भर के मारी पिचकारी,
आज रंग बरस रहा,
होली खेल रहे बाँके बिहारी,
आज रंग बरस रहा।।

अबीर गुलाल और,
टेसू को रंग है,
वृंदावन बरसानो,
झूम रह्यो संग है,
मैं बार बार जाऊं बलिहारी,
आज रंग बरस रहा,
होली खेल रहे बाँके बिहारी,
आज रंग बरस रहा।।

होली खेल रहे बांके बिहारी,
आज रंग बरस रहा,
और झूम रही दुनिया सारी,
आज रंग बरस रहा।।

श्री कृष्ण के साथ होली का यह अद्भुत उत्सव हमें उनके रंगों में रंगने की प्रेरणा देता है। इस भजन से जुड़ी हर बारीकी भक्तों के मन में शांति, प्रेम और आनंद का संचार करती है। अगर इस भजन में छिपी दिव्यता और प्रेम ने आपको प्रेरित किया हो, तो “होरी खेले राधा संग ये नटखट नंद किशोर”, “तेरी छवि निराली श्री वृन्दावन बिहारी” और “सांवरे हारे का सहारा तेरा नाम है” जैसे भजन भी कृष्ण के दिव्य रंगों में रंग जाने के लिए और अधिक भावनाओं से भर देंगे। जय श्री कृष्ण!

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