Ek Bar Aaja Re Tujhko Nihar Lun Shyam Bhajan
एक बार आजा रे,
तुझको निहार लूँ,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ।।
अनजान रस्तो,
छायो अँधियारो,
तेरे बिन दाता मेरो,
कुण है सहारो,
ज्योति को उजालो दे दे,
ज्योति को उजालो दे दे,
राह निहार लूँ,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ।।
बतियाँ बणावे देखो,
दुनिया दीवानी,
कालजे री पीड़ा म्हारी,
कोई ना जाणी,
मन को गुबार दाता,
मन को गुबार दाता,
कहे तो उतार लूँ,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ।।
आज बता दे कांई,
दोष है मेरो,
सामने खड्यो है दाता,
अपराधी तेरो,
चरणा ने आगे कर दे,
चरणा ने आगे कर दे,
आंसू से पखार ल्यूं,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ।।
‘मगन’ तिहारो दाता,
काई तो विचारो,
निर्मोही दाता म्हारी,
ओर तो निहारो,
चरणा की धूल थारी,
चरणा की धूल थारी,
पलका बुहार ल्यूं,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ।।
एक बार आजा रे,
तुझको निहार लूँ,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ,
मनड़े में दाता तेरी,
मूरत उतार लूँ।।