आओ माँ के द्वार हंसते हंसते भजन लिरिक्स

आओ माँ के द्वार हंसते हंसते भजन में एक भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति से माँ के दरबार में आने की प्रार्थना करता है। यह भजन एक खुशनुमा, आनंदपूर्ण और समर्पित भाव से गाया जाता है, जिसमें भक्त माँ से अपने जीवन में सुख, शांति, और आशीर्वाद प्राप्त करने की उम्मीद करता है। यहाँ, भक्त माँ के दरबार में हंसते-हंसते आने का संकेत देता है, क्योंकि उसे विश्वास है कि माँ के चरणों में जीवन की हर समस्या का समाधान है।

Aao Maa Ke Dwar Hanste Hanste Bhajan Lyrics

आओ माँ के द्वार हंसते हंसते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते,
क्यों भटको हर बार तुम यूं रस्ते रस्ते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते।।

नंगे पैरों चलके अकबर तेरे दर आया,
सर पे तेरे मां सोने का छत्र चढ़ाया,
मां ने कहा सुनो गुणवान,
हमने दिया तुम्हें वरदान,
जाओ होगी एक संतान हंसते-हंसते,
आओ मां के द्वार हंसते-हंसते,
कर लो नैया पार हंसते हंसते।।

मैं भी दर पे आया तेरे मेरी मैया भोली,
अपनी ममता से मेरी भी भर दो झोली,
मैं तो सेवक एक लाचार,
तूने सब का किया उद्धार,
मुझपे भी करो उपकार हंसते हंसते,
आओ मां के द्वार हंसते-हंसते,
कर लो नैया पार हंसते हंसते।।

ऐसा होवे मैया तेरी ज्योति का प्रकाश,
ऐसा वर दो मैया होवे सबका विकास,
भक्तों की लगी है कतार,
तुम्हें पूजे सब संसार,
आनंद गाये हर बार हंसते-हंसते,
आओ मां के द्वार हंसते-हंसते,
कर लो नैया पार हंसते हंसते।।

आओ माँ के द्वार हंसते हंसते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते,
क्यों भटको हर बार तुम यूं रस्ते रस्ते,
कर लो नैया पार हंसते-हंसते।।

गायक व लेखक – आनन्द राज बर्मन।

“आओ माँ के द्वार हंसते हंसते” भजन हमें यह सिखाता है कि माँ के दरबार में जाना हमेशा एक खुशी का अनुभव होना चाहिए। जहाँ तक हम जानते हैं, माँ की कृपा से हमारे जीवन में हर कठिनाई दूर हो जाती है, और मनुष्य की श्रद्धा और भक्ति से वह अपने जीवन में सुख-शांति पा सकता है। जैसे “मन प्राण बुद्धि हो प्रबल चित्त विमल कर दे शारदे” और “है सुखी मेरा परिवार माँ तेरे कारण” जैसे भजनों में माँ के आशीर्वाद को महसूस किया जाता है, वैसे ही इस भजन में भी माँ के दरबार की अपार कृपा का अहसास किया जाता है। माँ के दर्शन से हर भक्त का जीवन रोशन हो जाता है। जय माँ दुर्गा! 🌸

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