शिव पूजा मंत्र की महिमा और प्रभाव हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में अत्यधिक महत्व रखती है। शिव की पूजा हमारे मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध और शांति प्रदान करती है। Shiv Puja Mantra का जाप करते समय श्रद्धा और समर्पण का भाव होना अत्यावश्यक है, क्योंकि मंत्रों की शक्ति तभी फलित होती है जब हम उन्हें सच्चे हृदय से धारण करते हैं। इन मंत्रो में शिव के शिवलिंग, त्रिशूल और नंदी के महिमा का गुणगान देखने को मिलता है
जब हम मंत्रों का जाप करते हैं, तब उनके कंपन से हमारे चारों ओर एक दिव्य ऊर्जा का प्रवाह होता है, यह ऊर्जा हमें मानसिक और भावनात्मक रूप से सशक्त बनाती है, और हमारे आंतरिक और बाहरी संसार में संतुलन लाती है। इन मंत्रों का नियमित जाप जीवन में सकारात्मकता का संचार करता है और हमारे कर्मों को शुद्ध करने में सहायक होता है। यहां हमने आपके लिए शिव जी के पूजा मंत्र को विस्तार से बताया है।
शिव पूजा मंत्र
शिव के प्रमुख और दिव्य मंत्र निम्नलिखित प्रकार से है –
शिव स्तुति मंत्र
श्री शिवाय नम:।
श्री शंकराय नम:।
श्री महेश्वराय नम:।
श्री सांबसदाशिवाय नम:।
श्री रुद्राय नम:।
ॐ पार्वतीपतये नम:।
ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:।
शिव मूल मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
शिव रूद्र मंत्र
ॐ नमो भगवते रूद्राय।
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय,
धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्,
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
शिव नमस्कार मंत्र
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः, शंकराय च मयस्कराय च नमः, शिवाय च शिवतराय च।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः, सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा, शिवो मे अस्तु सदाशिवोम॥
शिव प्रार्थना मंत्र
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं, श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं।
विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व, जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
शिव स्तुति मंत्र
ॐ नमो हिरण्यबाहवे हिरण्यवर्णाय हिरण्यरूपाय हिरण्यपतए,
अंबिका पतए उमा पतए पशूपतए नमो नमः।
ईशान सर्वविद्यानाम् ईश्वर सर्व भूतानाम्॥
ब्रह्मादीपते ब्रह्मनोदिपते ब्रह्मा शिवो अस्तु सदा शिवोहम,
तत्पुरुषाय विद्महे वागविशुद्धाय धिमहे तन्नो शिव प्रचोदयात्।
महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धिमहे तन्नों शिव प्रचोदयात्॥
नमस्ते अस्तु भगवान विश्वेश्वराय महादेवाय त्र्यंबकाय,
त्रिपुरान्तकाय त्रिकाग्नी कालाय कालाग्नी।
रुद्राय नीलकंठाय मृत्युंजयाय सर्वेश्वराय सदशिवाय श्रीमान महादेवाय नमः॥
शिव आवाहन मंत्र
ॐ मृत्युंजय परेशान जगदाभयनाशन,
तव ध्यानेन देवेश मृत्युप्राप्नोति जीवती।
वन्दे ईशान देवाय नमस्तस्मै पिनाकिने,
नमस्तस्मै भगवते कैलासाचल वासिने।
आदिमध्यांत रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।
त्र्यंबकाय नमस्तुभ्यं पंचस्याय नमोनमः,
नमोब्रह्मेन्द्र रूपाय मृत्युनाशं करोतु मे।
नमो दोर्दण्डचापाय मम मृत्युम् विनाशय,
देवं मृत्युविनाशनं भयहरं साम्राज्य मुक्ति प्रदम्।
नमोर्धेन्दु स्वरूपाय नमो दिग्वसनाय च,
नमो भक्तार्ति हन्त्रे च मम मृत्युं विनाशय।
अज्ञानान्धकनाशनं शुभकरं विध्यासु सौख्य प्रदम्,
नाना भूतगणान्वितं दिवि पदैः देवैः सदा सेवितम्।
सर्व सर्वपति महेश्वर हरं मृत्युंजय भावये।
मंत्र जाप के बाद आप ॐ जय शिव ओमकारा लिरिक्स इन हिंदी आरती अवश्य करें यह आपके मंत्र जाप के लक्ष्य को सिद्ध करता है। इसके अलावा आप Shiv Chalisa Lyrics का पाठ करके अपने धार्मिक भावना को और गहरा कर सकते है।
Shiv Puja Mantra की विधि
यह विधि बहुत सरल और प्रभावी है। जब आप मंत्र जाप करते हैं, तो यह आपके मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए लाभकारी होता है। नीचे मंत्र जाप की विधि दी गई है-
- स्थान: मंत्र जाप के लिए शांत और शुद्ध स्थान का चयन करें। यह एक ऐसा स्थान होना चाहिए जहां आपको कोई विघ्न न हो।
- स्वयं की शुद्धि: स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें। शरीर क्र साथ-साथ मानसिक और शारीरिक शुद्धता भी जरूरी है, अतः अपने मन से सभी प्रकार क्र ईष्या और बुरी भावना को त्याग दें।
- ध्यान: ध्यान केंद्रित करने के लिए, आंखें बंद करके गहरी सांस लें और मन को शांत करें।
- माला: माला (रुद्राक्ष या साधारण 108 दानों की माला) का उपयोग करें। माला के दाने एक के बाद एक पलटते जाएं और हर दाने पर मंत्र का उच्चारण करें।
- मंत्र उच्चारण: मंत्र को ध्यान और विश्वास के साथ उच्चारित करें। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही होना चाहिए।
- यदि आप मंत्र का जाप कर रहे हैं, तो इसे एकाग्रता से बोलें और हर मंत्र को श्रद्धा के साथ बोलें।
- मंत्र की संख्या: एक दिन में कम से कम 108 बार मंत्र जाप करें, इसे एक माला पूरा करना कहते हैं। अगर अधिक समय हो, तो 2 माला या 11 माला भी कर सकते हैं।
- संकल्प: मंत्र जाप करते समय, ध्यान और संकल्प पर जोर दें, और हर मंत्र के साथ भगवान या देवी-देवता का ध्यान करें। आप जिस उद्देश्य के लिए जाप कर रहे हैं, उस पर ध्यान केंद्रित करें और उस उद्देश्य की पूर्ति के लिए संकल्प लें।
- प्रसाद और आशीर्वाद: मंत्र जाप के बाद भगवान का धन्यवाद करें और प्रसाद का वितरण करें। अंत में अपनी शुभकामनाओं और आशीर्वाद को साकार करने के लिए प्रार्थना करें और मंत्र जाप को समाप्त करें।
मंत्र जाप के लाभ
- मानसिक शांति: शिव मंत्र जाप करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह मन को शांत करता है और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: मंत्र जाप से आसपास सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जो जीवन में खुशहाली और संतुलन लाता है।
- क्षमता में वृद्धि:मंत्र जाप से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ती है। यह मानसिक स्पष्टता और संतुलन को बढ़ावा देता है।
- आध्यात्मिक प्रगति: मंत्र जाप से शिव की कृपा हम पर होती है जो आत्मिक विकास और आध्यात्मिक उन्नति के लिए सहायक होता है। यह व्यक्ति को आध्यात्मिक शुद्धता और सत्य की ओर मार्गदर्शन करता है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: मंत्र जाप शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार करता है। गहरी सांसों और मानसिक शांति के कारण रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
- सकारात्मक सोच: नियमित मंत्र जाप से व्यक्ति की सोच सकारात्मक होती है। यह नकारात्मक विचारों को दूर कर जीवन में आशावादिता लाता है।
- मन की एकाग्रता: मंत्र जाप से मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह मन को एक स्थान पर स्थिर करने में मदद करता है और ध्यान की स्थिति को बेहतर बनाता है।
- अच्छे कर्म: शिव मंत्र जाप व्यक्ति को अच्छे कर्म करने के लिए प्रेरित करता है। यह आत्मनिर्भरता, विनम्रता और संतुलन की भावना को जागृत करता है।
- प्रभावी तनाव: इन मंत्रों के जाप से मानसिक तनाव कम होता है और यह तनाव प्रबंधन में सहायक होता है। यह आपकी चिंताओं और समस्याओं को आसान बना देता है।
इन लाभों के जरिए, यह मंत्र न केवल मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति और जीवन की समृद्धि में भी सहायक होता है।
FAQ
क्या इन मंत्रो का जाप केवल पूजा के दौरान ही किया जा सकता है ?
नहीं, आप इन मंत्रो का जाप कभी भी कर सकते है लेकिन इसे सच्चे मन और शांतिपूर्ण तरिके से करना चाहिए।
यह मंत्र किसके लिए है ?
यह मंत्र सभी लोगो के लिए है, इसका जाप कोई भी व्यक्ति बिना किसी रुकावट के कर सकता है।
पूजा मंत्र का जाप करने का सही समय क्या है ?
इन पूजा मंत्रो का जाप शिव जी की पूजा करते समय करना चाहिए। आप इसे सुबह और शाम के आरती या पूजा के समय कर सकते है।
मंत्र जाप से क्या लाभ होते है ?
मन्त्रों का जाप करने से हम मानसिक तनाव और चिंताओं से मुक्त होते है और एक सुखद जीवन प्राप्त करते है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.