अच्युतम केशवं राम नारायणं – अच्युता अष्टकम

अच्युतम केशवं राम नारायणं जिसे अच्युताष्टकम के नाम से जाना जाता है, भगवान विष्णु की विभिन्न लीलाओं और स्वरूपों की महिमा का वर्णन करने वाला एक अत्यंत दिव्य स्तोत्र है। इस भजन में प्रभु के अद्भुत नामों का स्मरण करते हुए, उनकी करुणा और शक्ति का गुणगान किया गया है। आइए, इस पावन भजन के माध्यम से भगवान विष्णु की वंदना करें और उनके चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें।

Achyutam Keshavam Rama Narayanam

अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
श्रीधरं माधवं गोपिका वल्लभं,
जानकी नायकं रामचंद्रम भजे।

अच्युतम केसवं सत्य भामधावं,
माधवं श्रीधरं राधिका अराधितम,
इंदिरा मन्दिरम चेताना सुन्दरम,
देवकी नंदना नन्दजम सम भजे।

विष्णव जिष्णवे शंखिने चक्रिने,
रुकमनी रागिने जानकी जानए,
वल्लवी वल्लभा यार्चिधा यात्मने,
कंस विध्वंसिने वंसिने ते नमः।

कृष्ण गोविन्द हे राम नारायणा,
श्री पते वासु देवा जीता श्री निधे,
अच्युतानंता हे माधव अधोक्षजा,
द्वारका नायका, द्रोपधि रक्षक।

राक्षस क्शोबिता सीताया शोभितो,
दंडा करण्या भू पुण्यता कारणा,
लक्ष्मना नान्वितो वानरी सेवितो,
अगस्त्य संपूजितो राघव पातु माम।

धेनु कृष्टको अनिष्ट क्रुद्वेसिनाम,
केसिहा कंस ह्रुद वंसिका वाधना,
पूतना नसाना सूरज खेलनो,
बाल गोपलका पातु माम सर्वदा।

विध्यु दुध्योतवत प्रस्फुरा द्वाससम,
प्रोउद बोधवल् प्रोल्लसद विग्रहं,
वन्याय मलय शोभि थोर स्थलं,
लोहिन्तङ्ग्रि द्वयम् वारीजक्षं भजे।

कन्चितै कुण्डलै ब्रज मानानानां,
रत्न मोउलिं लसद कुण्डलं गण्डयो,
हार केयुरगं कङ्कण प्रोज्वलम्,
किङ्किणी मञ्जुल स्यमलं तं भजे।

अच्युतम केशवं राम नारायणं स्तोत्र भगवान विष्णु के अनंत नामों का संकीर्तन कर हमें उनकी भक्ति में लीन होने का मार्ग दिखाता है। यह स्तोत्र हमें यह सिखाता है कि प्रभु की आराधना से सभी दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति से भर देता है, तो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, श्री हरि विष्णु वंदना, ॐ जय जगदीश हरे, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और अधिक प्रगाढ़ हो सके। 🙏✨

Share

Leave a comment