“नर में है नारायण” भजन भगवान विष्णु के अस्तित्व और उनके दिव्य रूप को हमारे जीवन में उपस्थित रूप में व्यक्त करता है। इस भजन में यह संदेश दिया गया है कि भगवान विष्णु हर प्राणी में समाए हुए हैं, और प्रत्येक व्यक्ति में उनका अंश विद्यमान है। जो व्यक्ति स्वयं में भगवान का रूप देखता है और उनका आशीर्वाद महसूस करता है, वही सच्चा भक्त होता है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि भगवान का वास्तविक स्वरूप हमें केवल मंदिरों या पूजा स्थलों में ही नहीं, बल्कि हर इंसान और हर जीव में दिखाई देता है।
Nar Me Hai Narayan
काशी घुम ले मथुरा घुम ले,
घुम ले चाहे वन वन…-2
नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
ओ नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
बोलो जय नारायण ओ बोलो जय नारायण
ओ बोलो जय नारायण ओ बोलो जय नारायण….
काशी घुम ले मथुरा घुम ले
घुम ले चाहे वन वन
काशी घुम ले मथुरा घुम ले
घुम ले चाहे वन वन
नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
ओ.. नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
बोलो जय नारायण ओ बोलो जय नारायण
ओ बोलो जय नारायण बोलो जय नारायण…..
पहन के भगवा तिलक लगा
के बने तू संत ज्ञानी
हो गया मस्त मलंग
न पीड़ा किसी की तूने जानी
विभूत मंडल गले में माला
विभूत मंडल गले में माला
व्यर्थ है माथे चन्दन
नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण हो..
नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
बोलो जय नारायण ओ बोलो जय नारायण
ओ बोलो जय नारायण बोलो जय नारायण……
दया धर्म चाहे दान करो
ये किसी काम नहीं आते
दीन दुखी निर्धन को जब तक
गले से नहीं लगाते
मेरा नारायण होता है पर
मेरा नारायण होता है
इसी बात में प्रसन्न
नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
ओ नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
बोलो जय नारायण ओ बोलो जय नारायण
ओ बोलो जय नारायण बोलो जय नारायण……
ईश्वर के हैं बंदे सब को
रूप उसी का मानो
ईश्वर के हैं बंदे सब को
रूप उसी का मानो
ना कोई ऊंचा ना कोई निचा
सबको एक ही मानो
सबको एक ही मानो
सबसे उत्तम पूजा यही है
सबसे उत्तम पूजा यही है,
सबसे बड़ा ये धन
नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
ओ नर में है नारायण बंदे नर में है नारायण
बोलो जय नारायण ओ बोलो जय नारायण
ओ बोलो जय नारायण बोलो जय नारायण……
काशी घुम ले मथुरा घुम ले
घुम ले चाहे वन वन
काशी घुम ले मथुरा घुम ले
घुम ले चाहे वन वन नर में है
नारायण बंदे नर में है नारायण……
नर में है नारायण भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान विष्णु का रूप हर जीवित प्राणी में मौजूद है, और हमें सबके साथ प्रेम और सहानुभूति से पेश आना चाहिए। जब हम इस दिव्य दृष्टि से सभी को देखते हैं, तो हमारी दुनिया एक बेहतर स्थान बन जाती है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile