पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा

भगवान नारायण अपने भक्तों से मिलने के लिए किसी भी रूप में प्रकट हो सकते हैं। पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाएगा भजन हमें यह याद दिलाता है कि प्रभु की लीला अपरंपार है, वे कब, कहां और किस स्वरूप में दर्शन देंगे, यह कोई नहीं जान सकता। भक्त को बस अपनी श्रद्धा और विश्वास बनाए रखना है। जब प्रेम सच्चा हो और भक्ति निश्छल हो, तब नारायण स्वयं मार्ग दिखाते हैं और अपने दर्शन से कृपा बरसाते हैं।

Pata Nahi Kis Roop Me Aakar Narayan Mil Jayega

पता नहीं किस रूप में आकर,
नारायण मिल जाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा,
राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल छुडाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।1।

झूठ कपट निंदा को त्यागो,
हर प्राणी से प्यार करो,
घर पर आये अतिथि कोई तो,
यथाशक्ति सत्कार करो,
पता नही किस रूप मे आकर,
नारायण मिल जाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।2।

नर शरीर अनमोल रे प्राणी
प्रभु कृपा से पाया है,
झूठे जग प्रपंच में पड़कर,
क्यों प्रभु को बिसराया है,
समय हाथ से निकल गया तो,
सिर धुन धुन पछतायेगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।3।

दौलत का अभिमान है झूठा,
ये तो आनी जानी है,
राजा रंक अनेक हुए,
कितनो की सुनी कहानी है,
राम नाम का महामंत्र ही,
साथ तुम्हारे जाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।4।

साधन तेरा कच्चा है,
जब तक प्रभु पर विश्वास नहीं,
मंजिल गर पाना है क्या जब,
दीपक में प्रकाश नहीं,
निश्चय है तो भव सागर से,
बेड़ा पार हो जाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।5।

पता नहीं किस रूप में आकर,
नारायण मिल जाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा,
राम नाम के साबुन से जो,
मन का मेल छुडाएगा,
निर्मल मन के दर्पण में वह,
राम का दर्शन पाएगा।6।

भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण या किसी भी रूप में नारायण हर युग में भक्तों का उद्धार करने आते हैं। इसलिए भक्ति का मार्ग कभी मत छोड़िए, क्योंकि प्रभु की कृपा जिस रूप में मिल जाए, वही मोक्ष का द्वार खोल देती है। अगर यह भजन आपको पसंद आया हो, तो आप राम का गुणगान करिए, हे राम अवध के राजा तुझे कौन सी दुविधा घेरे, भगवान को करने पार भगत की नाव चली, और राम जी के शरण में चले आइए जैसे अन्य भजन और लेख भी पढ़ सकते हैं। 🚩 जय श्रीराम! 🚩

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