आज की बधाई राजा दशरथ राय के लिरिक्स

आज की बधाई राजा दशरथ राय के भजन भगवान श्रीराम के पिता राजा दशरथ की महिमा का गुणगान करता है। इस भजन में राजा दशरथ के त्याग, बलिदान और उनके महान कार्यों को श्रद्धा से सम्मानित किया जाता है। यह भजन हमें यह भी सिखाता है कि सच्चे प्रेम और अपने कर्तव्यों को निभाने का नाम ही भगवान की कृपा को आकर्षित करता है।

Aaj Ki Badhai Raja Dasharth Ray Ke Lyrics

आज की बधाई,
राजा दशरथ राय के,
दशरथ राय के,
दशरथ राय के,
आज की बधाईं,
राजा दशरथ राय के।1।

गंगा और जमुना फुले,
अति सुख पाय के,
सरयू तो ऐसे फुले,
सरयू तो ऐसे फुले,
हरि को नहलाय के,
आज की बधाईं,
राजा दशरथ राय के।2।

चंपा और चमेली फुले,
अति सुख पाय के,
मोगरो तो ऐसे फुले,
मोगरो तो ऐसे फुले,
हरि चरण जाय के,
आज की बधाईं,
राजा दशरथ राय के।3।

लडडू और पेडे़ फुले,
अति सुख पाय के,
रोलो चावल ऐसे फुले,
रोलो चावल ऐसे फुले,
हरि मुख जाय के,
आज की बधाईं,
राजा दशरथ राय के।4।

बह्मा और शंकर फुले,
अति सुख पाय के,
नारद तो ऐसे फुले,
नारद तो ऐसे फुले,
वीणा को बजाय के,
आज की बधाईं,
राजा दशरथ राय के।5।

आज की बधाई,
राजा दशरथ राय के,
दशरथ राय के,
दशरथ राय के,
आज की बधाईं,
राजा दशरथ राय के।6।

आज की बधाई राजा दशरथ राय के भजन हमें भगवान श्रीराम के जन्म और उनके परिवार की महानता से जोड़ता है। जैसा कि राम वन को जायेंगे तो हम भी संग में जायेंगे में राम के वनवास जाने का दर्द और उनके प्रेम का उल्लेख किया गया है, ठीक वैसे ही राजा दशरथ का त्याग और उनके पुत्र के प्रति सच्चे प्रेम को इस भजन में बखूबी व्यक्त किया गया है। यही कारण है कि भगवान श्रीराम के प्रत्येक चरण में भक्ति और प्रेम की एक नई दिशा मिलती है। राजा राम आइये मेरे भोजन का भोग लगाइये भजन में भी इस प्रेम और आस्था की महिमा को बड़े सुंदर तरीके से बताया गया है। जय श्रीराम!

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