हरि भक्तों ने रास रचाया

भगवान श्री कृष्ण की रासलीला एक दिव्य घटना है, जिसमें उनके भक्तों ने भक्ति के उच्चतम स्तर को प्राप्त किया। भगवान की रास में उनकी प्रेममयी लीलाएं और उनके भक्तों की अटूट श्रद्धा का अद्भुत संगम था। हरि भक्तों ने रास रचाया भजन हमें भगवान श्री कृष्ण की रासलीला की महानता को याद दिलाता है और यह सिखाता है कि भक्ति के द्वारा ही हम परमात्मा के समीप पहुंच सकते हैं। आइए, इस भजन के माध्यम से हम श्री कृष्ण की रासलीला का आनंद लें और उनकी दिव्यता को महसूस करें।

Hari Bhakto Ne Raas Rachaya

हरि भक्तों ने रास रचाया बूटी गोल गोल गोल,
बूटी गोल गोल गोल, अमृत गोल गोल गोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गए हनुमान जिनके हृदय में है राम,
जलाए आए लंका खिड़की खोल खोल खोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गए तुलसीदास जिनको राम मिलन की आस,
सारी रामायण लिख डाली पन्ना जोड़ जोड़ जोड़,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गई मीरा बाई जिनके गिरधर हुए सहाई,
वह तो गिरधर आ गए नाची घूंघट खोल खोल खोल,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गई द्रोपति नारी वह तो भरी सभा चिल्लाई,
उसकी आकर लाज बचाई साड़ी जोड़ जोड़ जोड़,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

बूटी पी गए लक्ष्मण भाई जिनके हनुमत हुए सहाई,
द्रोणागिरी से बूटी लाए वह तो खोज खोज खोज,
हरि भक्तों ने रास रचाया…..

भगवान श्री कृष्ण की रासलीला केवल एक भव्य काव्य नहीं, बल्कि यह हमें भक्ति, प्रेम और आत्मसमर्पण का सर्वोत्तम पाठ पढ़ाती है। हरि भक्तों ने रास रचाया भजन हमें यह संदेश देता है कि भगवान के प्रति सच्ची भक्ति से हम भी उनके दिव्य आशीर्वाद और प्रेम से अभिभूत हो सकते हैं। इस भक्ति रस को और अधिक अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

Leave a comment