मुक्ति का कोई तु जतन कर ले

यह संसार नश्वर है, और हर जीव का अंतिम लक्ष्य मोक्ष की प्राप्ति है। लेकिन मोक्ष प्राप्त करने के लिए सच्ची भक्ति, सत्कर्म और हरि नाम का सुमिरन आवश्यक है। बिना प्रभु की भक्ति के, यह जीवन केवल मोह-माया में उलझकर व्यर्थ हो जाता है। मुक्ति का कोई तु जतन कर ले भजन हमें यह सिखाता है कि हमें इस जीवन में ही हरि भक्ति और सत्कर्मों का मार्ग अपनाना चाहिए, जिससे हम जन्म-मरण के बंधनों से मुक्त होकर प्रभु श्रीहरि के चरणों में स्थान पा सकें। आइए, इस भजन के माध्यम से मोक्ष के सच्चे मार्ग को अपनाने की प्रेरणा लें।

Mukti Ka Koi Tu Jatan Kar Le

मुक्ति का कोई तु जतन कर ले,
रोज थोड़ा थोड़ा हरि का भजन कर लें……

भक्ति करेगा तो बड़ा सुख पायेगा,
भक्ति से आत्मा का मैल छुट जायेगा,
आत्मा के साथ साथ मन कर लें,
रोज थोड़ा थोड़ा…..

संगत कर अच्छे लोगों की,
दवा मिल जायेगी सब रोगों की,
जिन्दगी को अपनी चमन कर लें,
रोज थोड़ा थोड़ा……

जग के अंधेरे से बाहर निकलकर,
य़े बन्दे तु हरि गुण गाकर,
आत्मा से हरि का मिलन कर लें,
रोज थोड़ा थोड़ा….

मुक्ति का कोई तु जतन कर ले,
रोज थोड़ा थोड़ा हरि का भजन कर लें……

जो भी व्यक्ति सच्चे हृदय से भगवान विष्णु की भक्ति करता है, वह संसार के बंधनों से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करता है। “मुक्ति का कोई तु जतन कर ले” भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हमें अपने जीवन में हरि नाम का सुमिरन करते हुए सच्चे भक्ति मार्ग पर चलना चाहिए। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप “श्री हरि की महिमा अपार , गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो , नारायण, नारायण जय गोविंद हरे” और “संकट हरन श्री विष्णु जी” जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें। 🙏💛

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