सारे बोलो जी जय तुलसी जय श्याम

तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि भक्तों के लिए मोक्ष और पवित्रता का प्रतीक हैं। श्रीहरि के पूजन में तुलसी दल का विशेष महत्व है, और उनके बिना कोई भी पूजा पूर्ण नहीं मानी जाती। सारे बोलो जी जय तुलसी जय श्याम भजन श्रीहरि विष्णु और माता तुलसी की महिमा का गुणगान करता है, जो हमें भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। आइए, इस पावन भजन के माध्यम से भगवान विष्णु और माता तुलसी की आराधना करें।

Saare Bolo Ji Jai Tulsi Jai Shyam

सारे बोलो जी, जय तुलसी जय श्याम।
जय जय विष्णु-हरि वृंदा वर, जय जय शालिग्राम।1।

जालन्धर राक्षस ने जग में, था उत्पात मचाया।
शिव उपासक सति वृंदा के, तप बल उसे बचाया।2।
पार्वती पाने को जलन्धर, पहुँच गया शिवधाम – सारे बोलो…
अन्तर्ध्यान हो पार्वती मां, पहुँची विष्णु पास।
जालन्धर का नाश करो हरि, हरो जगत का त्रास।3।
ऋषि रूप धर विष्णु विश्वपति,पहुँचे वृंदा ठाम – सारे बोलो…
परम कौतुकी, परम कृपालु, लीला अजब रचाई।
देख कर कटा सीस पति का, वृंदा थी घबराई।4।
बोली सति, पतिदेव को जिंदा,करदो हे दयाधाम – सारे बोलो…
जालन्धर को कर जिंदा, हरि कीया उसमें प्रवेश।
छली गयी वृंदा बेचारी, भंग हुआ सति तेज़।5।
मारा गया जालन्धर युद्ध में, पहुँच गया हरिधाम – सारे बोलो…
वृंदा सति के शाप से विष्णु, हो गये शिला समान।
भस्म हुई पति संग वृंदा,पायो कीर्ति मान।6।
तुलसी बनकर उगी भस्म से, वरयो शालिग्राम – सारे बोलो…
कहा विष्णु वृंदा तुम मुझको, लक्ष्मी से भी प्यारी।
तुलसी रूप में पूजा करेगी, तुम्हे यह दुनिया सारी।7।
होगी तुलसी से ही ‘‘मधुप’’ अब, पूजा शालिग्राम – सारे बोलो… ।

माता तुलसी और भगवान विष्णु का पावन संबंध भक्तों को प्रेम, श्रद्धा और समर्पण का संदेश देता है। सारे बोलो जी जय तुलसी जय श्याम भजन हमें यह सिखाता है कि तुलसी माता की आराधना करने से श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है। इस भक्तिभाव को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप “श्री हरि की महिमा अपार , गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो , नारायण, नारायण जय गोविंद हरे” और “संकट हरन श्री विष्णु जी” जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की महिमा का आनंद लें। 🙏💛

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