किसने सजाया तुझको मैया भजन लिरिक्स

किसने सजाया तुझको मैया भजन में भक्त अपनी माँ की महिमा और सुंदरता को देखकर आश्चर्यचकित होता है और उसी अनुपम रूप को देखकर उसे श्रद्धा और प्रेम से पुकारता है। इस भजन में वह माँ से सवाल करता है कि कौन है जिसने माँ को इतनी सुंदरता और दिव्यता से सजाया है। यह भजन भक्त की माँ के प्रति अटूट विश्वास और सच्चे प्रेम का प्रतीक है, जो हर पहलु में माँ की उपस्थिति को महसूस करता है।

Kisane Sajaya Tujhako Maiya

किसने सजाया तुझको मैया,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहणी लागे।1।

ये हार गुलाबी किसने पहराया,
माथे रोड़ी का तुझे तिलक लगाया,
चंदा सा मुखड़ा चमके मैया,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहणी लागे।2।

ये लाल चुनरिया किसने पहरायी,
सुन्दर हाथों में मेहँदी है रचाई,
दुल्हन सी आज मुझको लगती मैया,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहणी लागे।3।

किसने सजाया तुझको मैया,
बड़ी प्यारी लागे बड़ी सोहणी लागे।4।

माँ के रूप में न केवल एक देवी, बल्कि अनंत शक्ति और करुणा का प्रतिबिंब है। “किसने सजाया तुझको मैया” भजन में यह सवाल दरअसल माँ की महिमा और शक्ति के प्रति एक श्रद्धेय भाव को दर्शाता है। जब हम सच्चे मन से माँ की पूजा करते हैं, तो उनका आशीर्वाद हमें हर कदम पर मिलता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि माँ का हर रूप अत्यधिक दिव्य और सुंदर है, और उनकी कृपा से हमारे जीवन में हर दिशा रोशन होती है। यदि आप इस भजन से प्रेरित हुए हैं, तो जब जब भी पुकारू माँ तुम दौड़ी चली आना, मेरी माँ आ जाती मेरे सामने, दर दर भटकता फिरा ठोकर बड़ी खाया हूँ भजन भी सुनें, जो माँ की उपस्थिति और उनके आशीर्वाद की महिमा को और गहराई से महसूस करने का एक सुंदर अनुभव है।

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