हर साल श्रद्धा और उत्साह से मनाई जाने वाली विश्वकर्मा पूजा एक ऐसा दिव्य पर्व है, जिसमें सृष्टि के महान निर्माता भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। चाहे फैक्ट्रियां हों या कार्यशालाएं, दुकानों से लेकर इंजीनियरिंग वर्कशॉप तक – हर जगह इस दिन को विशेष आदर के साथ मनाया जाता है। यहां हम Vishwakarma Puja की सम्पूर्ण जानकरी आपके साथ साझा करेंगे-
Vishwakarma Puja क्या है?
भगवान विश्वकर्मा को देवताओं के शिल्पकार और वास्तु-ज्ञान के आचार्य के रूप में जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, स्वर्गलोक, द्वारका, लंका और इंद्रप्रस्थ जैसी दिव्य रचनाएं भगवान विश्वकर्मा द्वारा ही निर्मित की गई थीं। इस दिन श्रमिक, कारीगर, इंजीनियर, आर्किटेक्ट और तकनीकी पेशेवर अपने औजारों और मशीनों की पूजा कर उन्नति और सुरक्षा की प्रार्थना करते हैं।

विश्वकर्मा पूजा कब मनाई जाती है?
अब यदि आप ये सोच रहे होंगे की Vishwakarma Puja Kab Hai, तो विश्वकर्मा भगवान की पूजा का आयोजन हर साल 17 सितंबर को कन्या संक्रांति के दिन होता है। यह सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश का पर्व होता है, जिसे कई औद्योगिक क्षेत्रों में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
पूजा करने की विधि
पूजा की तैयारी और प्रक्रिया इस प्रकार होती है:
- स्थान: सर्वप्रथम जिस स्थान पर पूजा की जानी है – चाहे वह फैक्ट्री हो, वर्कशॉप हो या ऑफिस – उसकी सफाई की जाती है।
- शुद्धिकरण: सभी उपकरणों को साफ करके एक स्थान पर रखा जाता है।
- कलश स्थापना: भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करके उसके सामने कलश स्थापित किया जाता है।
- पूजा सामग्री: धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, रोली, मौली, पान, सुपारी, प्रसाद (खीर, फल), नारियल आदि का प्रयोग किया जाता है।
- मंत्रोच्चार: “ॐ आधार शक्तपे नमः, ॐ कूमयि नमः, ॐ अनन्तम नमः…” आदि मंत्रों के साथ विश्वकर्मा देव का आह्वान किया जाता है।
- आरती और भजन: भक्त भगवान की आरती गाकर वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं।
इस पूजा का महत्व
- क्षेत्र का पर्व: यह दिन इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और मैकेनिकल प्रोफेशन से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।
- सफलता: पूजा के माध्यम से व्यक्ति अपने कार्य में समृद्धि, दुर्घटना रहित दिनचर्या और तकनीकी उन्नति की कामना करता है।
- सामूहिक उत्सव: यह पर्व एकजुटता, अनुशासन और धार्मिक आस्था को सशक्त करता है।
ये पूजा कहां-कहां मनाई जाती है?
भारत के अनेक राज्यों में जैसे बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, और विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों में ये पूजा अत्यंत उत्साह से मनाई जाती है। स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, कारखानों और यहां तक कि बड़ी-बड़ी IT कंपनियों तक में यह दिन एक पावन उत्सव की तरह मनाया जाता है।
Vishwakarma Puja न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि यह सृजन, तकनीक और परिश्रम के सम्मान का पर्व है। यह हमें यह सिखाता है कि हमारा परिश्रम और हमारी कला चाहे वह छोटी हो या बड़ी ईश्वर के चरणों में अर्पित हो सकती है। यदि आप भगवान विश्वकर्मा की पूजा विधि, मंत्र, या उनके मंदिरों के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो हमारी वेबसाइट Bhakti Sandesh पर प्रकाशित अन्य लेख अवश्य पढ़ें।
FAQ
पूजा में कौन-कौन से औजार पूजा जाते हैं?
मशीन, हथौड़ा, ड्रिल, स्क्रू ड्राइवर, कंप्यूटर, वाहन आदि – सभी काम के उपकरण पूजे जाते हैं।
ये पूजा करने से क्या लाभ होता है?
विश्वकर्मा जी की पूजा से कार्यक्षेत्र में सुरक्षा, तकनीकी उन्नति, समृद्धि, और दुर्घटनाओं से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
क्या विश्वकर्मा भगवान की पूजा केवल भारत में होती है?
नहीं, यह पूजा नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे देशों में भी श्रद्धा से मनाई जाती है, खासकर उन जगहों पर जहां भारतीय संस्कृति और औद्योगिक गतिविधियाँ हैं।
क्या महिलाएं इस पूजा को कर सकती हैं?
हां, महिलाएं भी इस पूजा में भाग ले सकती हैं। यह पूजा सभी के लिए शुभ मानी जाती है।

मैं आचार्य ब्रह्मदत्त, सनातन धर्म का एक साधक और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचारक हूँ। मेरा जीवन देवी-देवताओं की आराधना, वेदों-पुराणों के अध्ययन और भक्ति मार्ग के अनुसरण में समर्पित है। सूर्य देव, खाटू श्याम, शिव जी और अन्य देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान करना मेरे लिए केवल एक लेखन कार्य नहीं, बल्कि एक दिव्य सेवा है। मैं अपने लेखों के माध्यम से भक्तों को पूजन विधि, मंत्र, स्तोत्र, आरती और धार्मिक ग्रंथों का ज्ञान सरल भाषा में प्रदान करने का प्रयास करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने आध्यात्मिक पथ को सुगम और सार्थक बना सके। View Profile 🚩 हर हर महादेव 🚩