तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी भजन भगवान के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करता है, जहां भक्ता खुद को भगवान के सामने एक भिखारी के रूप में प्रस्तुत करता है, जो उनकी दया और कृपा का पात्र है। भगवान श्री कृष्ण को ‘दयालु’ और ‘दानी’ मानते हुए, भक्ति में डूबे हुए भक्त इस भजन के माध्यम से उनके अनंत प्रेम और दया का अनुभव करना चाहते हैं। यह भजन हमें यह भी याद दिलाता है कि भगवान की कृपा और आशीर्वाद से ही हमारे जीवन के सारे दुख दूर हो सकते हैं।
Tu Dayalu Deen Main Tu Dani Main Bhikhaari
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी,
मैं प्रिशिद पात की तू पाप पुंज हारी,
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी,
नाथ तू अनाथ को अनाथ कौन मो सो,
मो समान अरात नाही आरती हर तू सू,
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी,
भरम तू जीव मैं तू ठाकुर मैं चुरो,
कतयमात गुरु सखा तू सब विधि तू मेरो,
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी,
तू ही मोहि नाथ अनेक मान ये जो भावे,
ज्योता तुलसी किरपाल चरण शरण पावे,
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी,
तू दयालु दीं मैं तू दानी मैं भिखारी भजन हमें यह समझाता है कि भगवान की कृपा का कोई मापदंड नहीं होता। जब हम अपने दिल से भगवान की भक्ति करते हैं, तो वे अपनी अनंत दया और कृपा से हमारे जीवन को सुखी और शांतिपूर्ण बना देते हैं। हमें भगवान से कुछ भी पाने की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए, बल्कि हमें उनकी दया और प्रेम को स्वीकार करना चाहिए। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile