थारो जनम बरबाद मत कीजो भजन जीवन के महत्वपूर्ण उद्देश्य को समझने और भगवान की भक्ति में जीवन को संपूर्ण करने की प्रेरणा देता है। इस भजन में भक्त यह प्रार्थना करता है कि उसका जीवन व्यर्थ न हो, बल्कि उसे भगवान की भक्ति में समर्पित कर एक सार्थक दिशा में आगे बढ़ाया जाए। यह भजन हमें यह सिखाता है कि हमारे जीवन का असली उद्देश्य केवल भौतिक सुखों को प्राप्त करना नहीं, बल्कि भगवान की सेवा में जीवन को समर्पित करना है।
Tharo Janam Barbaad Mat Kijo
थारो जनम बरबाद मत कीजो रे, कु संग मे
कु संगत मे कु मति आवे,कु मति तुमको कु कर्म करावे
निरख निर्माण मत कीजो रे
जैसा ही तु संग करेगा,वैसा ही तेरे रंग चढेगा
मूरख संग मत कीजो रे
अवगुण पाप नित बढता जावे,पुण्य कर्म नित घटता जावे
विषया रो रस मत पीजे रे
सदानंद थाने समझावे,मानुष तन फिर हाथ ना आवे
सत को मारग लीजो रे
थारो जनम बरबाद मत कीजो भजन हमें यह याद दिलाता है कि जब हम अपने जीवन को भगवान के चरणों में समर्पित करते हैं, तो हमारा जीवन केवल सफल ही नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति की दिशा में भी बढ़ता है। भगवान की भक्ति और उनके आशीर्वाद से हमारा जीवन वास्तविक सुख और शांति से भर जाता है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛
मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। View Profile 🚩 जय माँ 🚩