रोम रोम मैं ॐ ॐ हैं भजन हमें यह अनुभव कराता है कि भगवान विष्णु की दिव्य शक्ति हमारे अस्तित्व के कण-कण में व्याप्त है। जब भक्त सच्चे हृदय से हरि का नाम जपता है, तो उसका रोम-रोम प्रभु की भक्ति में लीन हो जाता है। यह भजन हमें अपने भीतर छिपी आध्यात्मिक ऊर्जा को पहचानने और विष्णु जी की अनंत कृपा का अनुभव करने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के माध्यम से श्रीहरि की उपासना करें और उनकी भक्ति में रम जाएं।
Rom Rom Main Om Om Hain
रोम रोम मैं ॐ ॐ हैं
सांस सांस हरी बोल हरी बोल हरी बोल
हरी हरी हरी, हरी हरी हरी, हरी हरी हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल
हरी हरी हरी, हरी हरी हरी, हरी हरी हरी बोल, हरी बोल, हरी बोल
हरी बोल हरी बोल हरी बोल हरी बोल
हरी बोल हरी बोल हरी बोल हरी बोल
भगवान विष्णु का नाम जपने से मन, वाणी और आत्मा पवित्र हो जाते हैं। रोम रोम मैं ॐ ॐ हैं भजन हमें इस सत्य से अवगत कराता है कि जब हम पूरी श्रद्धा से प्रभु का ध्यान करते हैं, तो स्वयं भगवान हमारे भीतर प्रकट हो जाते हैं। यदि यह भजन आपके मन को शांति और भक्ति से भर देता है, तो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, श्री हरि विष्णु वंदना, अच्युतं केशवं, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और अधिक गहरी हो सके। 🙏✨

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile