ॐ जय जगदीश हरे आरती भगवान विष्णु की महिमा का गान करने वाला एक अत्यंत लोकप्रिय भजन है, जिसे हर भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से गाता है। जब भी हम इस आरती का पाठ करते हैं, हमारा मन शांति और आनंद से भर जाता है, और हमें ऐसा प्रतीत होता है जैसे स्वयं नारायण हमारी प्रार्थना सुन रहे हों। यह आरती भक्तों को श्रीहरि की कृपा प्राप्त करने का सरल और प्रभावशाली माध्यम प्रदान करती है। आइए, इस पावन आरती के माध्यम से भगवान विष्णु की वंदना करें।
Om Jai Jagdish Hare Lyrics
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे ।
भक्त / दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे…
जो ध्यावे फल पावे, दुःख विनसे मन का, स्वामी दुःख विनसे मन का ।
सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥
ॐ जय जगदीश हरे…
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूँ मैं किसकी, स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी ।
तुम / प्रभु बिन और न दूजा, आस करूँ मैं जिसकी ॥
ॐ जय जगदीश हरे…
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी, स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी ॥
ॐ जय जगदीश हरे….
तुम करुणा के सागर, तुम पालन-कर्ता, स्वामी तुम पालन-कर्ता ।
मैं मूरख खल कामी, मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता॥
ॐ जय जगदीश हरे…
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूँ दयालु / गोसाईं, तुमको मैं कुमति ॥
ॐ जय जगदीश हरे…
दीनबन्धु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे, स्वामी तुम रक्षक मेरे ।
अपने हाथ उठाओ, अपनी शरण लगाओ, द्वार पड़ा मैं तेरे ॥
ॐ जय जगदीश हरे…
विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वमी कष्ट हरो देवा ।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा-प्रेम बढ़ाओ, सन्तन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे….
तन मन धन सब है तेरा, स्वामी सब कुछ है तेरा ।
तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा ॥
ॐ जय जगदीश हरे….
श्री जगदीशजी की आरती, जो कोई नर गावे, स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख संपत्ति पावे ॥
ॐ जय जगदीश हरे….
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी ! जय जगदीश हरे ।
भक्त / दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे….
भगवान विष्णु, जिन्हें जगदीश कहा जाता है, सदा अपने भक्तों की पुकार सुनते हैं और उनकी रक्षा करते हैं। ॐ जय जगदीश हरे आरती के माध्यम से हम उनकी कृपा को अनुभव कर सकते हैं और अपनी आत्मा को शुद्ध कर सकते हैं। यदि यह आरती आपके मन को भक्ति से भर देती है, तो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, श्री हरि विष्णु वंदना, अच्युतं केशवं, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और अधिक गहरी हो सके। 🙏✨

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile