मेरी बांह पकड़ लो एक वार भजन एक भक्त की भावनाओं को प्रकट करता है, जो संपूर्ण समर्पण के साथ भगवान विष्णु से कृपा की याचना कर रहा है। जब जीवन की कठिनाइयाँ हमें घेर लेती हैं और मन असहाय महसूस करता है, तब केवल श्रीहरि की शरण ही सच्चा सहारा बनती है। आइए, इस भजन के भावों में डूबकर प्रभु से अपनी आत्मा को थामने की प्रार्थना करें।
Meri Baha Pakad Lo Ek Vaar
मेरी बांह पकड़ लो एक वार,
हरि एक वार प्रभु एक वार ॥1॥
यह जग्ग अति गहरा सागर है,
सिर धरी पाप की गागर है ॥2॥
कुछ हल्का करदो इसका भार,
हरि एक वार प्रभु एक वार
एक जाल विछा मोह माया का,
एक धोखा कंचन काया का ॥3॥
मेरा करदो मुक्त विचार,
हरि एक वार प्रभु एक वार
है कठिन डगर मुश्किल चलना,
बलहीन को बल दे दो अपना ॥4॥
कर जाऊं भव मैं पार पार,
हरि एक वार बस एक वार
मैं तो हार गया अपने बल से,
मेरे दोस्त बचाओ जग्ग छ्ल से ॥5॥
सो वार नहीं बस एक वार ॥
हरि एक वार प्रभु एक वार
भगवान विष्णु अपने भक्तों की पुकार कभी अनसुनी नहीं करते। मेरी बांह पकड़ लो एक वार भजन हमें पूर्ण विश्वास दिलाता है कि यदि हम प्रेम और श्रद्धा से श्रीहरि को पुकारें, तो वे हमें हर संकट से उबार लेते हैं। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति से भर देता है, तो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, श्री हरि विष्णु वंदना, अच्युतं केशवं, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और अधिक गहरी हो सके। 🙏✨
मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। View Profile 🚩 जय माँ 🚩