मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे

मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे भजन हमें सांसारिक मोह-माया से ऊपर उठकर भगवान विष्णु के भजन और स्मरण की ओर प्रेरित करता है। यह भजन हमें याद दिलाता है कि यह संसार नश्वर है, और केवल श्रीहरि का नाम ही हमें सच्ची शांति और मोक्ष प्रदान कर सकता है। जब हम हरि भजन को अपना जीवन का आधार बना लेते हैं, तब हमारा मन स्थिर और निर्मल हो जाता है। आइए, इस भजन के माध्यम से भगवान विष्णु की शरण में जाएं और उनकी कृपा प्राप्त करें।

Mat Kar Moh Tu Hari Bhajan Ko Man Re

मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू ।
हरि भजन को मान रे तू…

नयन दिए दर्शन करने को, श्रवण दिए सुन ज्ञान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

वदन दिया हरि गुण गाने को, हाथ दिए कर दान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

कहत कबीर सुनो भाई साधो, कंचन निपजत खान रे ।
हरि भजन को मान रे तू….

मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे

मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू ।
हरि भजन को मान रे तू…

नयन दिए दर्शन करने को, श्रवण दिए सुन ज्ञान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

वदन दिया हरि गुण गाने को, हाथ दिए कर दान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

कहत कबीर सुनो भाई साधो, कंचन निपजत खान रे ।
हरि भजन को मान रे तू…

श्रीहरि के भजन से बड़ा इस संसार में कोई धन नहीं है, क्योंकि यही हमें जन्म-मरण के चक्र से मुक्त कर सकता है। मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे भजन हमें भक्ति के वास्तविक महत्व का बोध कराता है और हमें विष्णु जी की भक्ति में रमने की प्रेरणा देता है। यदि यह भजन आपके हृदय को भक्ति से भर देता है, तो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, श्री हरि विष्णु वंदना, अच्युतं केशवं, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और अधिक गहरी हो सके। 🙏✨

Share

Leave a comment