की कहने की कहने मेरे रामा पीर दे

की कहने की कहने मेरे रामा पीर दे भजन एक गहरी भक्ति भावना को व्यक्त करता है, जिसमें भक्त भगवान से शरण और कृपा की याचना करता है। इस भजन में ‘रामा’ और ‘पीर’ का संदर्भ भगवान के विभिन्न रूपों से जुड़ा हुआ है, जो अपने भक्तों पर अपनी दया और आशीर्वाद की वर्षा करते हैं। यह भजन एक प्रकार से भगवान से मदद मांगने का सुंदर तरीका है, जिसमें भक्त उनसे शांति, सुख, और आशीर्वाद की प्रार्थना करता है।

Ki Kehne Ki Kehne Mere Rama Peer De

भजदे ढोल ते छेने सुगना दे वीर दे,
की कहने की कहने मेरे रामा पीर दे,

धरती नचे अम्बर नचे नच्दे चंद सितारे,
एसी किरपा करती बाबा हो गये वारे न्यारे,
मेले लगदे रहने मेरे रामा पीर दे,
की कहने की कहने सुगना दे वीर दे,

नाम तेरे दी एसी मस्ती सब भगता ते चड गई,
भव सागर विच डूबदी वेह्डी तेरे आसरे तर गई,
जावा बलिहार कि केहने मेरे रामा पीर दे,
की कहने की कहने सुगना दे वीर दे

जो भी आया दर तेरे ते सबना ने तर जाना,
लक्की वांगु नाम तेरे विच रंगिया जिहने वाना,
सोनू तू मन ले कहने मेरे रामा पीर दे,
की कहने की कहने सुगना दे वीर दे

की कहने की कहने मेरे रामा पीर दे भजन हमें यह याद दिलाता है कि जब हम सच्ची श्रद्धा और भक्ति से भगवान से प्रार्थना करते हैं, तो वे हमें अपने आशीर्वाद से हर संकट से उबारने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। भगवान के नाम में अपार शक्ति है, और उनकी शरण में आने से जीवन में शांति और सुख का अनुभव होता है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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