कर न फकीरी फिर क्या दिलगिरी

कर न फकीरी फिर क्या दिलगिरी भजन एक गहरी आध्यात्मिक समझ को व्यक्त करता है, जिसमें भक्त भगवान के साथ अपने संबंध को स्पष्ट करता है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि अगर हम भगवान की भक्ति में पूरी श्रद्धा और निष्ठा से जुड़ें, तो हमें किसी प्रकार की तंगहाली या मानसिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। यह भजन इस बात की ओर इशारा करता है कि अगर हम भगवान के प्रति सच्चे मन से समर्पित होते हैं, तो हमारे जीवन में कोई भी कठिनाई हमारे आत्मिक विकास को नहीं रोक सकती।

Kar Na Fakeeri Phir Kya Dilgiri

करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी
कैसा भी हो वक़्त मुसाफिर

कैसा भी हो वक़्त मुसाफिर
पल भर न घबराना जी
कोई दिन लाडु ने कोई दिन पैदा
कोई दिन लाडु ने कोई दिन पैदा
कोई दिन फाकम फाका जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

कोई फर्क नहीं होता है
राजा और भिकारी में
कोई फर्क नहीं होता है
राजा और भिकारी में
दोनों की साँसें काटीं हैं
समय की तेज़ क़तारी ने
अपनी ही रफ़्तार से हरदम
अपनी ही रफ़्तार से हरदम
काल का पहिया चलता जी
कोई दिन मेहला ने कोई दिन सेजां
कोई दिन मेहला ने कोई दिन सेजां
कोई दिन ख़ाक बिछौना जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

माँ से अच्छा कुछ न होता
माँ तू ही परमेश्वर है
माँ से अच्छा कुछ न होता
माँ तू ही परमेश्वर है
हर डैम मेरे मन मन्दिर में
तेरी ज्योत उजागर है
सब रिश्ते नाते झूठे हैं

सब रिश्ते नाते झूठे हैं
माँ का प्यार ही सच्चा जी
कोई दिन भैय्या ने कोई दिन बेहना
कोई दिन भैय्या ने कोई दिन बेहना
सब दिन माँ की ममता जी
करना फकीरी फिर क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

कुछ भी पाये गर्व न करियो
दुनिया आणि जानी है
कुछ भी पाये गर्व न करियो
दुनिया आणि जानी है
तेरे साथ जहां से तेरी
परछाई भी जानी है
सब को अपना प्यार बांटना

सब को अपना प्यार बांटना
मीठा बोल बोलना जी
कोई दिन मेला ने कोई दिन अकेला
कोई दिन मेला ने कोई दिन अकेला
कोई दिन ख़त्म झमेला जी
करना फकीरी फाई क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी

करना फकीरी फाई क्या दिलगिरी
सदा मगन में रेहना जी
कोई दिन हाथी ने कोई दिन घोड़ा
कोई दिन पैदल चलना जी
अपलोड- रवि सेन नरसिंहगढ़ “पांजरी”

कर न फकीरी फिर क्या दिलगिरी भजन यह सिखाता है कि भगवान की भक्ति में समर्पित होना हमें मानसिक शांति और सुख की ओर मार्गदर्शन करता है। जब हम भगवान के साथ अपने दिल से जुड़ते हैं, तो हमारे जीवन में किसी प्रकार का संकट या कमी नहीं रहती। भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और आशीर्वाद से हम जीवन की हर कठिनाई को पार कर सकते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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