कहे शास्त्र वेद पुराण | Kahe Shastar Ved Puran

कहे शास्त्र वेद पुराण भजन धार्मिक ग्रंथों और वेदों के अद्वितीय महत्व को प्रकट करता है। इस भजन में यह बताया जाता है कि शास्त्र, वेद, और पुराणों में भगवान के भव्य रूप, उनके कार्यों और जीवन के उद्देश्य को सटीक रूप से दर्शाया गया है। यह भजन हमें यह सिखाता है कि जब हम इन धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन करते हैं और उनका पालन करते हैं, तो हमारे जीवन में सद्गति, शांति, और आत्मिक उन्नति आती है। शास्त्रों के माध्यम से हमें भगवान के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है, जो हमारी आत्मा को शुद्ध करता है और हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

Kahe Shastar Ved Puran

कहे शास्त्र वेद पुराण,महिमा सतसंग की
करे ऋषि मुनी गुण गान,महिमा सतसंग की

सत संग है भव सागर नोका
पार करण का यही है मोका
अवसर चेत अजाण…महिमा…

दुःखिया-सुखिया सब ही आवे
जैसा कर्म करे फल पावे
आ है इमृत की खान…महिमा…

सत संगत को सुन कर प्यारे
पापी कपटी सुधरे सारे
तज दियो मान गुमान…महिमा…

सदानन्द सत संगत करणी
मुख से ना जाए महिमा वरणी
करते हरि गुण गान…महिमा…

कहे शास्त्र वेद पुराण भजन हमें धार्मिक ग्रंथों की महिमा और उनकी उपदेशों के महत्व को समझाता है। यह भजन हमें भगवान के मार्गदर्शन का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है, जिससे हम अपने जीवन को सफल और आनंदमयी बना सकते हैं। शास्त्रों, वेदों, और पुराणों में छिपे ज्ञान को अपनाकर, हम अपने जीवन में सच्चे सुख, शांति और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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