हे नाथ नारायण वासुदेवा

हे नाथ नारायण वासुदेवा भजन भगवान विष्णु की अपार कृपा और उनकी दयालुता का गुणगान करता है। जब भी कोई भक्त प्रेमपूर्वक श्रीहरि को पुकारता है, तो वे अपने भक्त की रक्षा करने और उसे मोक्ष के मार्ग पर ले जाने के लिए तत्पर रहते हैं। यह भजन हमें याद दिलाता है कि विष्णु जी के चरणों में शरण लेने से जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। आइए, इस भजन के मधुर स्वर में डूबकर प्रभु की भक्ति में लीन हों।

He Nath Narayan Vasudeva

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥1॥

भक्तो को तारा तो क्या तुम ने तारा,
रो रो के कहता है ह्रदय हमारा
जब जणू सब पाप हर लो हमारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥2॥

कहते हैं लोग तुम्हे दिनों का स्वामी
सुनते नहीं नाथ मेरी कहानी
अब तो दया कीजिए नाथ प्यारे
हे नाथ नारायण वसु देवा॥3॥

लाखो की तमने है बिगड़ी बनाई
अब तो तो प्रभु जी मेरी बरी आई
फिर भूल से याद कीजिए नाथ प्यारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥4॥

लाखो में ढूंढा न पाया सहारा
अब तो तेरे दर पे पल्ला पसारा
खली न जाए तेरे दर से प्यारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥5॥

भगवान विष्णु, जो वासुदेव, नारायण और साक्षात पालनकर्ता हैं, अपने भक्तों की हर पुकार को सुनते हैं और उन्हें स्नेहपूर्वक अपनी शरण में लेते हैं। हे नाथ नारायण वासुदेवा भजन हमें यही प्रेरणा देता है कि जीवन में सच्ची शांति केवल श्रीहरि की भक्ति से ही प्राप्त होती है। यदि यह भजन आपको भावविभोर करता है, तो “गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो”, श्री हरि विष्णु वंदना, अच्युतं केशवं, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और अधिक प्रगाढ़ हो जाए। 🙏✨

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