हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों भजन भगवान श्री कृष्ण के प्रति भक्त की गहरी श्रद्धा और उनके द्वारा किये गए अनगिनत कृपाओं का वर्णन करता है। इस भजन में भक्त भगवान श्री कृष्ण का धन्यवाद करते हुए उनके अनुग्रह और आशीर्वाद को व्यक्त करता है। यह भजन दर्शाता है कि भगवान की अनुकंपा से ही जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और हर संकट में एक मार्ग मिलता है। जब भगवान श्री कृष्ण अपनी कृपा बरसाते हैं, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
Hari Tum Bahut Anugrah Kinho
हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों
साधन धाम बिबुध दुर्लभ तनु मोहि कृपा कर दीन्हों
कोटिहुँ मुख कह जात न प्रभु के एक-एक उपकार
तदपि नाथ कछु और माँगिहौं दीजे परम उदार
विषय बारि मन मीन भिन्न नहीं होत कबहु पल एक
ताते सहौं विपति अति दारुण जनमत जोनि अनेक
कृपा डोर बनसी पद अंकुश परम प्रेम मृत्यु चारो
एहि बिधि बेधि हरहु मेरो दुख कौतुक नाम तिहारो
है श्रुति विदित उपाय सकल सुर केहि केहि दीन निहोरै
तुलसीदास यहि जीव मोह रजु जेहि बाँध्यौ सोई छोरै
हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हों भजन हमें यह याद दिलाता है कि भगवान श्री कृष्ण की अनुकंपा और आशीर्वाद से ही हमारा जीवन संपूर्ण होता है। भगवान के प्रति आभार और समर्पण हमें मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है। जब हम भगवान के नाम और भक्ति में समर्पित होते हैं, तो उनकी कृपा से हर समस्या का समाधान मिलता है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। जय माँ View Profile