हर रूप में रंग में ढंग में तू भजन भगवान श्री कृष्ण के विविध रूपों और अनंत गुणों का गुणगान करता है। इस भजन में भक्त यह प्रकट करता है कि भगवान कृष्ण प्रत्येक रूप, रंग, और ढंग में प्रकट होते हैं और उनका स्वरूप अनंत और दिव्य है। भगवान का हर रूप अलग-अलग रूपों में प्रकट होकर हमारे जीवन में प्रेम, करुणा, और सुख का संदेश देता है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि भगवान के कई रूप हैं और वे हर रूप में हमारे जीवन के हर पहलू में मौजूद हैं।
Har Roop Me Rang Me Dhang Me Tu
हर रूप रंग में ढंग में तूँ
नहरों नदियों में तरंग में तूँ,
है परम् पिता जगदीश हरे
प्रभु प्रेम उमंग में तूँ ही तूँ,
तूँ बनकर सूर्य प्रकाश करे,
कहीं शीतल चाँद का रूप धरे,
तारों में तेरा रूप सुघर,
तट नीर तरंग में तूँ ही तूँ,
हर रूप……..
कहीं पर्वत पेड़ समुद्र बना,
तूँ वीज बना बन जीव जना ,
कहीं ,शीत पवन बनकर के बहे,
बस मीन बिहंग में तूँ ही तूँ,
हर रुप……..
तेरा सात स्वरों में है रूप मधुर,
बन कृष्ण धरे मुरली को अधर,
राजेंन्द्र कहे है परम् पिता,
मेरे अंग में संग में तूँ ही तूँ,
हर रूप……..
हर रूप में रंग में ढंग में तू भजन हमें यह सिखाता है कि भगवान श्री कृष्ण हर रूप में हमारे जीवन के साथ हैं, चाहे वह सुख हो या दुख, हर समय उनके गुणों और रूपों की महिमा हमें प्रोत्साहित करती है। जब हम उनके विविध रूपों को समझते हैं, तो हमारी भक्ति और श्रद्धा और भी गहरी होती है। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛
मैं आचार्य सिद्ध लक्ष्मी, सनातन धर्म की साधिका और देवी भक्त हूँ। मेरा उद्देश्य भक्तों को धनवंतरी, माँ चंद्रघंटा और शीतला माता जैसी दिव्य शक्तियों की कृपा से परिचित कराना है।मैं अपने लेखों के माध्यम से मंत्र, स्तोत्र, आरती, पूजन विधि और धार्मिक रहस्यों को सरल भाषा में प्रस्तुत करती हूँ, ताकि हर श्रद्धालु अपने जीवन में देवी-देवताओं की कृपा को अनुभव कर सके। यदि आप भक्ति, आस्था और आत्मशुद्धि के पथ पर आगे बढ़ना चाहते हैं, तो मेरे लेख आपके लिए एक दिव्य प्रकाश बन सकते हैं। View Profile 🚩 जय माँ 🚩