दुःख में भले सिमरन करूं | Dukh Me Bhale Simran Karu

दुःख में भले सिमरन करूं भजन हमें यह सिखाता है कि जीवन के कठिन और दुःखद समय में भी भगवान के नाम का स्मरण ही सबसे बड़ा सहारा होता है। यह भजन हमें यह याद दिलाता है कि जब हम कठिनाइयों में घिरे होते हैं, तब भगवान के नाम में शक्ति और शांति होती है, जो हमें हर मुश्किल से उबारने में मदद करती है। भक्ति के इस मार्ग पर चलते हुए, हम अपने सभी दुखों को भगवान के चरणों में समर्पित कर सकते हैं, और उनकी कृपा से हमारा जीवन सुधर सकता है।

Dukh Me Bhale Simran Karu

तू ही मेरे मन की थाह जानता है,
मुक्ति की मेरी राह जानता है,
दुःख में भले सिमरन करूं,
ना कभी सुख में भुलाऊं,
ऐसे मुझमें जज्बात रखना,
भगवन मुझे सदैव अपने,
चरणों के साथ रखना…..

कृपा से तुम्हारी चाहा पाऊँ,
पाकर मन की ना इतराऊं,
ऐसी मुझमें औकात रखना,
भगवन मुझे सदैव अपने,
चरणों के साथ रखना…..

हर पल तेरा शुक्र मनाऊं,
महिमा यशश्वी सदैव मैं गाऊँ,
ऐसे सेवादारों की जमात रखना,
भगवन मुझे सदैव अपने,
चरणों के साथ रखना……

किस्मत वाला ही दर पे आता है,
आकर शरण में खुशियां वो पाता है,
भक्ति भरी मुझमें सौगात रखना,
भगवन मुझे सदैव अपने,
चरणों के साथ रखना,
भगवन राजीव को सदैव,
अपने चरणों के साथ रखना……

दुःख में भले सिमरन करूं भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि कठिनाई और दुख के समय में भी भगवान के नाम का स्मरण हमें आंतरिक शांति और संबल प्रदान करता है। भगवान की भक्ति में हर स्थिति में शक्ति होती है, और इससे हम हर संकट से उबर सकते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान विष्णु की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

Share

Leave a comment