धन तो धणी छ | Dhan To Dhanee Chaa

धन तो धणी छ भजन हमें यह सिखाता है कि इस संसार में असली धन संपत्ति या वैभव नहीं, बल्कि भगवान विष्णु की भक्ति ही है। जो भक्त श्रीहरि की शरण में आता है, वही सच्चा धनवान होता है। यह भजन हमें आध्यात्मिक समृद्धि का महत्व समझाते हुए, प्रभु के चरणों में प्रेम और समर्पण की प्रेरणा देता है। आइए, इस भजन के सुंदर शब्दों के माध्यम से विष्णु जी की कृपा का अनुभव करें।

Dhan To Dhanee Chaa

धन तो धणी छ रे धन भाग रे,
श्री म्हारा अब तो आजो जी म्हारे पावणा,

घर का तो रूसिया माई बाप रे,
श्री जी म्हारा अपणा देवे है म्हाने बोल रे,
धन तो धणी छ रे धन भाग रे……

पैदल तो आवे है नर नार रे श्री म्हारा,
ओ जी श्री म्हाने परचा दिखाओ म्हाने आज रे,
धन तो धणी छ रे धन भाग रे…….

झुर झुर रोवे है नर नार रे श्री जी म्हारा,
दुखडा मेटो जी म्हारा आज रे,
धन तो धणी छ रे धन भाग रे…….

भगत बुलावे बेगा आऔ श्री जी म्हारा,
“मयूर’ बुलावे थाने आज रे,
धन तो धणी छ रे धन भाग रे………

संसार का सच्चा धन भगवान विष्णु की भक्ति और उनका अमृतमय नाम ही है। धन तो धणी छ भजन हमें इसी सच्चाई का बोध कराता है कि जो श्रीहरि का दास बन जाता है, वही वास्तविक रूप से धनी होता है। यदि यह भजन आपको प्रेरित करता है, तो गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, श्री हरि विष्णु वंदना, अच्युतं केशवं, और नारायण नाम सुमिरन कर ले जैसे अन्य विष्णु भजनों को भी पढ़ें और करें, जिससे आपकी भक्ति और भी गहरी हो सके। 🙏✨

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