बिना तुम्हारे कौन उबारे | Bina Tumahre Kaun Ubaare

बिना तुम्हारे कौन उबारे भजन एक गहरी भक्ति भावना को व्यक्त करता है, जिसमें भक्त भगवान से अपनी सुरक्षा और उद्धार की प्रार्थना करता है। इस भजन के माध्यम से भक्त भगवान से यह कहता है कि उनके बिना जीवन में कोई सहारा नहीं है और केवल भगवान की शरण में ही उसकी मुक्ति संभव है। इस भजन में भक्त भगवान के प्रति अपनी सम्पूर्ण श्रद्धा और विश्वास व्यक्त करता है, यह महसूस करते हुए कि भगवान ही उसके जीवन के संकटों से बाहर निकालने वाले एकमात्र उद्धारकर्ता हैं।

Bina Tumahre Kaun Ubaare

बिना तुम्हारे कौन उबारे भटकी नाव हमारी किनारा खो गया है,
तुम्ही रैया तुम्ही खिवैयाँ किनारा खो गया है,

तारण तरिया तुम हो तुम ही हमारी पतवार हो,
इस अँध्यारे में तुम ही जीवन के आधार हो,
कभी डरावे जीवन हमको कभी मौत मतवारी किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे…….

जाये कहा मैं तोहे हम को संभालो संसार में,
आशा निराशा की है बहुत से हिलोरे मझधार में,
किसे सुनाये किसे बताये रख लो लाज हमारी, किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे…….

जाने कहा कर वाइये ले जा हम को वहाव में,
ओ मुक्ति दाता तुम तो आकर विराजो अब तो नाव में,
तुम्हे पुकारे भक्त तुम्हारे जो है बात तुम्हारी, किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे……..

मोह माया छूटा नहीं ईर्षा ने हम को है गेर लिया,
अपना पराया कब से देश का मन में धार लिया,
इस बंधन से कौन छुड़ाए पकड़ो बाह हमारी,किनारा खो गया है,
बिना तुम्हारे कौन उबारे……..

बिना तुम्हारे कौन उबारे भजन हमें यह याद दिलाता है कि भगवान हमारे जीवन के एकमात्र सहायक और संरक्षक हैं। जब हम भगवान के नाम का जाप करते हैं और उनकी शरण में आते हैं, तो वे हमें हर संकट से उबारने के लिए तत्पर रहते हैं। भगवान के आशीर्वाद से ही हम अपने जीवन के कठिन दौर से निकल सकते हैं। इस भक्ति रस को और गहराई से अनुभव करने के लिए आप श्री हरि की महिमा अपार, गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, नारायण, नारायण जय गोविंद हरे और संकट हरन श्री विष्णु जी जैसे अन्य भजनों का भी पाठ करें और भगवान श्री कृष्ण की कृपा का अनुभव करें। 🙏💛

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