इस प्राचीन विन्धेश्वरी स्तोत्र के माध्यम से, हम माँ विन्धेश्वरी की शक्तियों का गुणगान करते हैं। जो अपनी कृपा से लोगों का भला करती हैं। Vindheshwari stotra को आप अपने जीवन में ध्यान और पूजा का हिस्सा बनाकर अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से हमारा जीवन आनंद और शांतिमय और भाग्यशाली बना सकते हैं।
Vindheshwari Stotra Lyrics
निशुम्भ-शुम्भ-गर्जनीं, प्रचण्ड-मुण्ड-खण्डिनीम्…
वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
त्रिशुल-मुण्ड-धारिणीं धरा-विघात-हारिणीम्…
गृहे-गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
दरिद्रदुःख-हारिणीं, सदा विभुतिकारिणीम्…
वियोग-शोक-हारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
लसत्सुलोल-लोचनं लतासनं वरप्रदम्…
कपाल-शुल-धारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
कराब्जदानदाधरां, शिवाशिवां प्रदायिनीम्…
वरा-वराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
ऋषिन्द्रजामिनीप्रदां, त्रिधा स्वरूप-धारिणीम्…
जले स्थले निवासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
विशिष्ट-शिष्ट-कारिणीं, विशाल रूप-धारिणीम्…
महोदरे विलासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
पुरन्दरादि-सेवितां पुरादिवंशखण्डिताम्…
विशुद्ध-बुद्धिकारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!
इनके साथ-साथ आप Durga Devi Aarti, Durga Stotra और Durga Devi Mantram आदि का पाठ भी कर सकते है। क्योंकि माँ का यह रूप देवी दुर्गा का स्वरुप माना जाता है। जो माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अच्छा माध्यम हो सकता है।
स्तोत्र करने की विधि
- स्नान : माँ विन्धेश्वरी स्तोत्र का पाठ करने से पहले आप स्नान करके साफ -सुथरे वस्त्र पहने।
- तैयारी: पूजा -पाठ से पहले आप पूजा के स्थान को साफ कर लें। तथा पूजा सामग्री से थाली को सजा लें।
- ध्यान: स्तोत्र का पाठ करने से पहले आप ध्यान करके अपने मन को शांत कर लें।
- पूजा: पूजा करने के लिए मां विंध्येश्वरी की मूर्ति या तस्वीर के सामने पूजा करें। दीपक, अगरबत्ती, फूल, फल मीठा इत्यादि चढ़ाये।
- स्तोत्र का पाठ: इसके बाद स्तोत्र का पाठ शुरू करें. इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए आप पुस्तक या इंटरनेट का सहारा ले सकते हैं।
- वरदान मांगे : मां विंध्येश्वरी से अपने इच्छित फल की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें।
- दान: पूजा के बाद आप गरीबों को कुछ दान करें।
स्तोत्र करने के लाभ
- मां विंध्येश्वरी की कृपा: स्तोत्र का पाठ करने से मां विंध्येश्वरी की कृपा भक्तों पर बनी रहती है,जिससे जीवन में सुख की प्राप्ति होती है।
- मानसिक शांति: स्तोत्र का पाठ करने से मन शांत होता है और सारी चिंताए खत्म होती है।
- आत्मज्ञान : स्तोत्र का पाठ करने से आत्मज्ञान होता है और हम खुद को समझने लगते हैं।
- संतान सुख: इस स्तोत्र का पाठ करने से निःसंतान माता पिता को संतान सुख की प्राप्ति होती है।
- संकटों से मुक्ति: स्तोत्र का प्रतिदिन पाठ करने से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- धार्मिकता की वृद्धि: इस स्तोत्र का पाठ करने से हमारा धार्मिक ज्ञान बढ़ता हैं और हम धर्म से जुड़ पाते हैं।
- कार्यों में सफलता : इस पाठ का जाप का करने से हम अपने कार्यों में सफल होते हैं। और जीवन में उचाईयों को प्राप्त करते हैं।
FAQ
किसको करना चाहिए?
स्तोत्र को किसी भी व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाती का हो , सभी को इसका लाभ मिलता है। यह स्तोत्र आपके जीवन को सुखी और समृद्धि बनाता है।
विंधेश्वरी स्तोत्र क्या है ?
स्तोत्र एक प्राचीन भक्तिग्रंथ है जो मां विंध्येश्वरी की और महालक्ष्मी की कृपा के लिया किया जाता है।
क्या स्तोत्र का विशेष समय होता है ?
स्तोत्र का पाठ आप किसी भी समय कर सकते हैं लेकिन इसका अधिक महत्व विशेष धार्मिक अवसरों पर ,संकट काल में और सुबह या शाम के समय ज्यादा किया जाता है।
I am Shri Nath Pandey and I am a priest in a temple, which is located in Varanasi. I have been spending my life worshiping for the last 6 years. I have dedicated my soul completely to the service of God. Our website is a source related to Aarti, Stotra, Chalisa, Mantra, Festivals, Vrat, Rituals, and Sanatan Lifestyle.