Vindheshwari Stotra PDF

Vindheshwari Stotra PDF | विंधेश्वरी स्तोत्र PDF: एक शक्ति और समृद्धि का अद्भुत स्रोत

विंधेश्वरी स्तोत्र PDF एक बहुत ही उपयोगी और सुविधाजनक संसाधन है, जिसमे देवी के दिव्य गुण, शक्तिशाली रूप और उनके करुणा का बखान करने वाले विंधेश्वरी स्तोत्र को बताया गया है। Vindheshwari Stotra PDF फाइल देवी विन्धेश्वरी के स्तोत्र को एक स्थान पर संकलित करता है, जिससे भक्त इसे आसानी से पढ़ सकें और समझ … Read more

Vindheshwari Chalisa Lyrics ॥ दोहा ॥ नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब। सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब॥ जय जय जय विन्ध्याचल रानी। आदिशक्ति जगविदित भवानी॥ सिंहवाहिनी जै जगमाता। जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता॥ कष्ट निवारण जै जगदेवी। जै जै सन्त असुर सुर सेवी॥ महिमा अमित अपार तुम्हारी। शेष सहस मुख वर्णत हारी॥ दीनन को दु:ख हरत भवानी। नहिं देखो तुम सम कोउ दानी॥ सब कर मनसा पुरवत माता। महिमा अमित जगत विख्याता॥ जो जन ध्यान तुम्हारो लावै। सो तुरतहि वांछित फल पावै॥ तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी। तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी॥ रमा राधिका श्यामा काली। तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली॥ उमा माध्वी चण्डी ज्वाला। वेगि मोहि पर होहु दयाला॥10 तुम्हीं हिंगलाज महारानी। तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी॥ दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता। तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता॥ तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी। हे मावती अम्ब निर्वानी॥ अष्टभुजी वाराहिनि देवा। करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥ चौंसट्ठी देवी कल्यानी। गौरि मंगला सब गुनखानी॥ पाटन मुम्बादन्त कुमारी। भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी॥ बज्रधारिणी शोक नाशिनी। आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी॥ जया और विजया वैताली। मातु सुगन्धा अरु विकराली॥ नाम अनन्त तुम्हारि भवानी। वरनै किमि मानुष अज्ञानी॥ जापर कृपा मातु तब होई। जो वह करै चाहे मन जोई॥20 कृपा करहु मोपर महारानी। सिद्ध करहु अम्बे मम बानी॥ जो नर धरै मातु कर ध्याना। ताकर सदा होय कल्याना॥ विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै। जो देवीकर जाप करावै॥ जो नर कहँ ऋण होय अपारा। सो नर पाठ करै शत बारा॥ निश्चय ऋण मोचन होई जाई। जो नर पाठ करै चित लाई॥ अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे। या जग में सो बहु सुख पावे॥ जाको व्याधि सतावे भाई। जाप करत सब दूर पराई॥ जो नर अति बन्दी महँ होई। बार हजार पाठ करि सोई॥ निश्चय बन्दी ते छुट जाई। सत्य वचन मम मानहु भाई॥ जापर जो कछु संकट होई। निश्चय देविहिं सुमिरै सोई॥30 जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई। सो नर या विधि करे उपाई॥ पाँच वर्ष जो पाठ करावै। नौरातन महँ विप्र जिमावै॥ निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी। पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी॥ ध्वजा नारियल आन चढ़ावै। विधि समेत पूजन करवावै॥ नित प्रति पाठ करै मन लाई। प्रेम सहित नहिं आन उपाई॥ यह श्री विन्ध्याचल चालीसा। रंक पढ़त होवे अवनीसा॥ यह जन अचरज मानहु भाई। कृपा दृश्टि जापर होइ जाई॥ जै जै जै जग मातु भवानी। कृपा करहु मोहि निज जन जानी॥40

Vindheshwari Chalisa Lyrics | विन्धेश्वरी चालीसा लिरिक्स: 40 श्लोकों में दिव्य शक्ति

विन्धेश्वरी चालीसा लिरिक्स देवी विन्धेश्वरी के परम शक्तिशाली और दिव्य रूप की स्तुति है। विन्धेश्वरी देवी, जो विंध्याचल की महिमा से जुड़ी हुई हैं, उनके चालीस का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त होता है। Vindheshwari Chalisa Lyrics में कुल 40 श्लोक होते हैं, जो देवी के विभिन्न रूपों और … Read more

Vindheshwari Stotra MP3

Vindheshwari Stotra MP3 | विन्धेश्वरी स्तोत्र MP3 डाउनलोड करें: महिमा और लाभ

विन्धेश्वरी स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और भव्य मंत्र है, जिसे देवी विन्ध्यवासिनी की पूजा में विशेष महत्व दिया जाता है, जिसे आप विन्धेश्वरी स्तोत्र MP3 फॉर्मेट में डाउनलोड करके देवी विन्धेश्वरी की असीमित कृपा और शक्ति का अनुभव कर सकते हैं। ऐसे में Vindheshwari Stotra MP3 इस स्तोत्र को अपनी जीवनशैली में शामिल करना एक … Read more

Vindheshwari Aarti आरती सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल। ले तेरी भेंट चढ़ायो माँ ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सुवा चोली तेरी अंग विराजे। केसर तिलक लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ नंगे पग मां अकबर आया। सोने का छत्र चडाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ ऊंचे पर्वत बनयो देवालाया। निचे शहर बसाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ सत्युग, द्वापर, त्रेता मध्ये। कालियुग राज सवाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ धूप दीप नैवैध्य आर्ती। मोहन भोग लगाया ॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ ॥ ध्यानू भगत मैया तेरे गुन गाया। मनवंचित फल पाया॥ सुन मेरी देवी पर्वतवासनी। कोई तेरा पार ना पाया माँ॥

Vindheshwari Aarti | विंधेश्वरी आरती: देवी विंधेश्वरी की महिमा का स्तुति गीत

विंधेश्वरी आरती देवी विंधेश्वरी की पूजा और स्तुति का एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रूप है। देवी विंधेश्वरी विशेष रूप से उत्तर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के विंध्याचल में विराजमान है। Vindheshwari Aarti देवी शक्ति की आराधना का एक प्रमुख साधन है, जिन्हें माता दुर्गा का एक रूप माना जाता है। देवी विंधेश्वरी के … Read more

विन्धेश्वरी स्तोत्र | Vindheshwari Stotra निशुम्भ-शुम्भ-गर्जनीं, प्रचण्ड-मुण्ड-खण्डिनीम्... वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! त्रिशुल-मुण्ड-धारिणीं धरा-विघात-हारिणीम्... गृहे-गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! दरिद्रदुःख-हारिणीं, सदा विभुतिकारिणीम्... वियोग-शोक-हारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! लसत्सुलोल-लोचनं लतासनं वरप्रदम्... कपाल-शुल-धारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! कराब्जदानदाधरां, शिवाशिवां प्रदायिनीम्... वरा-वराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! ऋषिन्द्रजामिनीप्रदां, त्रिधा स्वरूप-धारिणीम्... जले स्थले निवासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! विशिष्ट-शिष्ट-कारिणीं, विशाल रूप-धारिणीम्... महोदरे विलासिनीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !! पुरन्दरादि-सेवितां पुरादिवंशखण्डिताम्... विशुद्ध-बुद्धिकारिणीं, भजामि विन्ध्यवासिनीम् !!

विन्धेश्वरी स्तोत्र | Vindheshwari Stotra : आनंद और शांति की प्राप्ति

इस प्राचीन विन्धेश्वरी स्तोत्र के माध्यम से, हम माँ विन्धेश्वरी की शक्तियों का गुणगान करते हैं। जो अपनी कृपा से लोगों का भला करती हैं। Vindheshwari stotra को आप अपने जीवन में ध्यान और पूजा का हिस्सा बनाकर अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं। इस स्तोत्र का पाठ करने से हमारा  जीवन आनंद और शांतिमय … Read more