Vindheshwari Chalisa Lyrics | विन्धेश्वरी चालीसा लिरिक्स: 40 श्लोकों में दिव्य शक्ति

विन्धेश्वरी चालीसा लिरिक्स देवी विन्धेश्वरी के परम शक्तिशाली और दिव्य रूप की स्तुति है। विन्धेश्वरी देवी, जो विंध्याचल की महिमा से जुड़ी हुई हैं, उनके चालीस का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक आशीर्वाद प्राप्त होता है। Vindheshwari Chalisa Lyrics में कुल 40 श्लोक होते हैं, जो देवी के विभिन्न रूपों और उनके अद्वितीय गुणों का वर्णन करते हैं।

अगर आप भी इस चालीसा का पाठ करना चाहते हैं और इसकी शक्ति को अनुभव करना चाहते हैं, तो Shri Vindheshwari Chalisa Lyrics को समझना और सही तरीके से पढ़ना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको इस चालीसा के श्लोकों को सरल और स्पष्ट रूप में प्रदान करेंगे, ताकि आप आसानी से इसे पढ़ और समझ सकें।

Vindheshwari Chalisa Lyrics

॥ दोहा ॥

नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब।
सन्तजनों के काज में, करती नहीं विलम्ब॥

जय जय जय विन्ध्याचल रानी।
आदिशक्ति जगविदित भवानी॥

सिंहवाहिनी जै जगमाता।
जै जै जै त्रिभुवन सुखदाता॥

कष्ट निवारण जै जगदेवी।
जै जै सन्त असुर सुर सेवी॥

महिमा अमित अपार तुम्हारी।
शेष सहस मुख वर्णत हारी॥

दीनन को दु:ख हरत भवानी।
नहिं देखो तुम सम कोउ दानी॥

सब कर मनसा पुरवत माता।
महिमा अमित जगत विख्याता॥

जो जन ध्यान तुम्हारो लावै।
सो तुरतहि वांछित फल पावै॥

तुम्हीं वैष्णवी तुम्हीं रुद्रानी।
तुम्हीं शारदा अरु ब्रह्मानी॥

रमा राधिका श्यामा काली।
तुम्हीं मातु सन्तन प्रतिपाली॥

उमा माध्वी चण्डी ज्वाला।
वेगि मोहि पर होहु दयाला॥10

तुम्हीं हिंगलाज महारानी।
तुम्हीं शीतला अरु विज्ञानी॥

दुर्गा दुर्ग विनाशिनी माता।
तुम्हीं लक्ष्मी जग सुख दाता॥

तुम्हीं जाह्नवी अरु रुद्रानी।
हे मावती अम्ब निर्वानी॥

अष्टभुजी वाराहिनि देवा।
करत विष्णु शिव जाकर सेवा॥

चौंसट्ठी देवी कल्यानी।
गौरि मंगला सब गुनखानी॥

पाटन मुम्बादन्त कुमारी।
भाद्रिकालि सुनि विनय हमारी॥

बज्रधारिणी शोक नाशिनी।
आयु रक्षिनी विन्ध्यवासिनी॥

जया और विजया वैताली।
मातु सुगन्धा अरु विकराली॥

नाम अनन्त तुम्हारि भवानी।
वरनै किमि मानुष अज्ञानी॥

जापर कृपा मातु तब होई।
जो वह करै चाहे मन जोई॥20

कृपा करहु मोपर महारानी।
सिद्ध करहु अम्बे मम बानी॥

जो नर धरै मातु कर ध्याना।
ताकर सदा होय कल्याना॥

विपति ताहि सपनेहु नाहिं आवै।
जो देवीकर जाप करावै॥

जो नर कहँ ऋण होय अपारा।
सो नर पाठ करै शत बारा॥

निश्चय ऋण मोचन होई जाई।
जो नर पाठ करै चित लाई॥

अस्तुति जो नर पढ़े पढ़अवे।
या जग में सो बहु सुख पावे॥

जाको व्याधि सतावे भाई।
जाप करत सब दूर पराई॥

जो नर अति बन्दी महँ होई।
बार हजार पाठ करि सोई॥

निश्चय बन्दी ते छुट जाई।
सत्य वचन मम मानहु भाई॥

जापर जो कछु संकट होई।
निश्चय देविहिं सुमिरै सोई॥30

जा कहँ पुत्र होय नहिं भाई।
सो नर या विधि करे उपाई॥

पाँच वर्ष जो पाठ करावै।
नौरातन महँ विप्र जिमावै॥

निश्चय होहिं प्रसन्न भवानी।
पुत्र देहिं ता कहँ गुणखानी॥

ध्वजा नारियल आन चढ़ावै।
विधि समेत पूजन करवावै॥

नित प्रति पाठ करै मन लाई।
प्रेम सहित नहिं आन उपाई॥

यह श्री विन्ध्याचल चालीसा।
रंक पढ़त होवे अवनीसा॥

यह जन अचरज मानहु भाई।
कृपा दृश्टि जापर होइ जाई॥

जै जै जै जग मातु भवानी।
कृपा करहु मोहि निज जन जानी॥40

जब आप इस चालीसा को सच्चे मन से पढ़ते हैं, तो न केवल आध्यात्मिक रूप से बल्कि भौतिक रूप से भी आपको शांति और समृद्धि का अनुभव होता है। इसके साथ-साथ विन्धेश्वरी स्तोत्र का पाठ भी भक्तों को मानसिक शांति, समृद्धि और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव प्रदान करता है, जिसे आप vindheshwari stotra mp3 और vindheshwari stotra pdf में भी डाउनलोड कर सकते है।

इस चालीसा के श्लोकों में छिपी देवी की असीम शक्ति आपको जीवन की कठिनाइयों से निपटने की ताकत देती है। यदि आप इसे नियमित रूप से पढ़ते हैं, तो निश्चय ही आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। इसलिए, विन्धेश्वरी चालीसा लिरिक्स को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर देवी की कृपा प्राप्त करें और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और सुख की प्राप्ति करें।

FAQ

विन्धेश्वरी चालीसा का पाठ कब और कैसे करना चाहिए?

इसे विशेष रूप से नवरात्रि, दुर्गा पूजा, या किसी भी शुभ अवसर पर पढ़ना शुभ होता है। इसे शांतिपूर्ण वातावरण में, ध्यानपूर्वक और श्रद्धा से पढ़ना चाहिए।

इसका पाठ करने से क्या लाभ होता है?

क्या “विन्धेश्वरी चालीसा” को हिंदी में पढ़ना जरूरी है?

क्या “विन्धेश्वरी चालीसा” का पाठ परिवार के साथ किया जा सकता है?

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