ॐ सूर्या नमः : सूर्य उपासना का सरल लेकिन शक्तिशाली मंत्र

ॐ सूर्या नमः एक अत्यंत सरल लेकिन अत्यंत प्रभावशाली मंत्र है जो सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। यह मंत्र सूर्य की ऊर्जा, प्रकाश और जीवनदायिनी शक्ति का स्मरण कराता है। जो साधक अपने जीवन में उत्साह, स्वास्थ्य और सकारात्मकता चाहते हैं, उनके लिए Om Surya Namah मंत्र अत्यंत उपयोगी है। यहां हमने आपके लिए इस मंत्र के साथ साथ इसकी जाप विधि और अर्थ को भी बताया है-

Om Surya Namah

ॐ सूर्य देवाय नमः ।

अर्थ – मैं सूर्य देव को नमन करता हूँ", जो जीवन, प्रकाश और ऊर्जा के प्रतक हैं।

ॐ सूर्याये नमः ।

अर्थ- सूर्य को नमस्कार।

Om Surya Namah के नियमित जाप से जीवन में आत्मबल, स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन की वृद्धि होती है। यदि आप अपने मंत्र साधना को विस्तार देना चाहते हैं, तो Surya Namaskar Mantra का भी जाप करें जो अंदर से ऊर्जा को जाग्रत करता है। वहीं, सूर्य देव की स्तुति हेतु आप Surya Stotra का पाठ कर सकते हैं जो भक्ति और श्रद्धा को गहराई देता है।

इसका पाठ करने की विधि

ॐ सूर्य नमः’ मंत्र का जाप जीवन में प्रकाश, ऊर्जा और स्थिरता लाता है। इस मंत्र की शुद्ध विधि अपनाकर आज से ही अपने दिन की शुरुआत शुभ बनाएं।

  1. प्रातःकाल: सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। साफ वस्त्र धारण करें और अपने पूजन स्थान या शांत स्थान पर पूर्व दिशा की ओर आसन बिछाकर बैठ जाएँ।
  2. दीप प्रज्वलन: सामने तांबे के लोटे में जल रखें, उसमें कुछ फूल, अक्षत और लाल चंदन डालें। एक दीपक जलाकर उसे सूर्य देव के प्रतीक स्वरूप रखें।
  3. अर्घ्य: सूर्योदय के समय तांबे के पात्र में भरे जल को दोनों हाथों से पकड़कर सूर्य देव को “ॐ सूर्याय नमः” मंत्र बोलते हुए धीरे-धीरे अर्घ्य अर्पित करें। इस क्रिया को कम से कम तीन बार करें।
  4. मंत्र जाप: जल अर्पण के बाद जमीन पर बैठकर आँखें बंद करें। मस्तिष्क को शांत कर ॐ सूर्य नमः मंत्र का श्रद्धा और भावना सहित कम से कम 108 बार जाप करें।
  5. समर्पण: जाप के बाद सूर्य देव से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में प्रकाश, स्वास्थ्य और आत्मबल प्रदान करें। उन्हें प्रणाम करें और कुछ क्षण ध्यान में बैठें।

सच्चे मन और नियम से किया गया यह जाप भीतर से तेज़स्विता और आत्मविश्वास भर देता है।

FAQ

इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

क्या यह मंत्र केवल हिन्दू धर्म के लिए है?

यह वैदिक परंपरा का हिस्सा है, लेकिन कोई भी व्यक्ति इसे आध्यात्मिक रूप से अपना सकता है।

क्या “ॐ सूर्याय नमः” को संतान प्राप्ति के लिए भी जपा जाता है?

क्या इसे सूर्य को अर्घ्य देते हुए जपना चाहिए?

क्या यह बीज मंत्र है?

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