अक्सर लोग सूर्य नमस्कार आसन सर्च करते हैं ताकि वे सूर्य नमस्कार को सही ढंग से कर सकें और हर आसन का लाभ प्राप्त कर सकें। यह लेख आपको सूर्य नमस्कार के 12 आसनों को क्रमवार नाम, उनकी मुद्रा और उनसे होने वाले लाभों के साथ सरल शब्दों में बताता है। अगर आप सूर्य साधना को प्रभावी बनाना चाहते हैं, तो Surya Namaskar Asanas की सही जानकारी अत्यंत आवश्यक है-
सूर्य नमस्कार क्या है?
सूर्य नमस्कार, योग की 12 शक्तिशाली आसनों का एक क्रमबद्ध अभ्यास है जिसे एक प्रवाहमय श्रृंखला में किया जाता है। यह आसन , प्राणायाम, और मानसिक एकाग्रता का एक सुंदर मेल है, जो शरीर को ऊर्जावान बनाता है, मन को शांत करता है और भीतर की चेतना को जाग्रत करता है।
परंपरागत रूप से सूर्य नमस्कार को सूर्योदय के समय सूर्य की ओर मुख करके किया जाता है, ताकि सूर्य देवता (सूर्य), जो जीवन और ऊर्जा के स्रोत हैं, के प्रति आभार व्यक्त किया जा सके। इस श्रृंखला का प्रत्येक आसन शरीर के अलग-अलग हिस्सों को खींचता और मजबूत करता है, साथ ही श्वास के साथ तालमेल बिठाता है।
आसन के नाम उसके मंत्र और क्रिया के साथ
इस लिस्ट में हमने सभी आसन और उससे जुड़े सभी मंत्रो को एक क्रम से दे दिया है जिससे इसे समझने में आपको आसानी होगी –
क्रम संख्या | आसन (Pose Name) | मंत्र (Mantra) | क्रिया और लाभ (Action & Benefits) |
---|---|---|---|
1 | हस्त उत्तानासन (हाथ उठाना) | ॐ मित्राय नमः | क्रिया: हाथों को ऊपर उठाना, पीठ को स्ट्रेच करना। लाभ: रीढ़ की हड्डी लचीली होती है, फेफड़ों को मजबूती मिलती है। |
2 | हस्त पूर्वोत्तानासन (हाथ आगे झुकाना) | ॐ रवये नमः | क्रिया: आगे की ओर झुककर हाथों से पैर छूना। लाभ: पाचन तंत्र सुधरता है, कमर दर्द कम होता है। |
3 | पाद हस्तासन (पैरों के बीच झुकना) | ॐ सूर्याय नमः | क्रिया: पैरों के बीच झुककर हाथों से जमीन छूना। लाभ: रक्त संचार बढ़ता है, मन शांत होता है। |
4 | अश्व संचालनासन (एक पैर पीछे झुकाना) | ॐ भानवे नमः | क्रिया: एक पैर पीछे ले जाकर छाती खोलना। लाभ: पैरों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, संतुलन बढ़ता है। |
5 | दण्डासन (फोरआर्म प्लैंक पोजीशन) | ॐ खगाय नमः | क्रिया: प्लैंक की स्थिति में शरीर को सीधा रखना। लाभ: कोर मजबूत होता है, पेट की चर्बी घटती है। |
6 | अष्टांग नमस्कार (छोटे पेट व अंगुली से नीचे) | ॐ पूष्णे नमः | क्रिया: शरीर को जमीन से सटाकर नमस्कार मुद्रा। लाभ: हृदय स्वास्थ्य सुधरता है, धैर्य बढ़ता है। |
7 | भुजंगासन (कोबरा पोज़) | ॐ हिरण्यगर्भाय नमः | क्रिया: छाती को ऊपर उठाकर पीछे की ओर झुकना। लाभ: कमर दर्द दूर होता है, फेफड़े मजबूत होते हैं। |
8 | अधोमुख श्वानासन (डाउनवर्ड डॉग) | ॐ मरीचये नमः | क्रिया: शरीर को ‘V’ आकार में उल्टा खींचना। लाभ: पूरे शरीर में खिंचाव, तनाव कम होता है। |
9 | अश्व संचालनासन (दूसरा पैर आगे) | ॐ आदित्याय नमः | क्रिया: दूसरे पैर को पीछे ले जाना। लाभ: जांघों और कमर की मांसपेशियाँ सक्रिय होती हैं। |
10 | पाद हस्तासन (फिर से आगे झुकना) | ॐ सवित्रे नमः | क्रिया: फिर से आगे झुककर पैर छूना। लाभ: रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है, मन एकाग्र होता है। |
11 | हस्त पूर्वोत्तानासन (हाथ आगे उठाना) | ॐ अर्काय नमः | क्रिया: हाथों को फिर से ऊपर उठाना। लाभ: छाती और फेफड़ों को विस्तार मिलता है। |
12 | ताड़ासन (खड़े होना) | ॐ भास्कराय नमः | क्रिया: सीधे खड़े होकर हाथों को नमस्ते मुद्रा में लाना। लाभ: शरीर में संतुलन और स्थिरता आती है। |

Surya Namaskar के ये 12 आसन आपके शरीर, मन और आत्मा को संपूर्ण स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। नियमित अभ्यास से आप खुद में ऊर्जा, लचीलापन और मानसिक शांति महसूस करेंगे। इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अपनी सेहत में सुधार देखें।
Surya Namaskar Asanas: 12 शक्तिशाली अवस्थाएं
यहाँ सूर्य नमस्कार आसन की एक चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका दी गई है, साथ ही आसान निर्देशों के साथ:
1. प्रणामासन (Prayer Pose)
कैसे करे
- योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- दोनों पैरों को आपस में मिलाएं और शरीर को स्थिर रखें।
- दोनों हाथों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और फिर उन्हें छाती के सामने जोड़ें, जैसे ‘नमस्ते’ की मुद्रा में।
- आंखें बंद करें और गहरी सांस लें।
श्वास: गहरी सांस छोड़ें (exhale)।
लाभ: मन को शांत करता है, शरीर को स्थिरता देता है और अभ्यास के लिए मानसिक तैयारी करता है।
2. हस्तउत्तानासन (Raised Arms Pose)
कैसे करे
- प्रणामासन से आगे बढ़ते हुए सांस भरें।
- दोनों हाथों को ऊपर सिर के पास तक उठाएं।
- बाजुओं को कानों के पास रखें और हाथ जोड़ें या अलग रखें।
- शरीर को पीछे की ओर हल्का झुकाएं, लेकिन गर्दन और पीठ को तनाव न दें।
- नज़रें ऊपर की ओर रहें।
श्वास: गहरी सांस लें (inhale)।
लाभ: फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, छाती और पसलियों में खिंचाव आता है।
3. पदहस्तासन (Hand to Foot Pose)
कैसे करे
- सांस छोड़ते हुए अपने दोनों हाथों को नीचे लाएं।
- कमर से झुकते हुए दोनों हाथों को जमीन की ओर लाएं।
- माथे को घुटनों से छूने का प्रयास करें।
- अगर संभव न हो तो जितना झुक सकें उतना झुकें।
- पैरों को सीधा और घुटनों को तन्य रखें।
श्वास: पूरी सांस छोड़ें (exhale)।
लाभ: रीढ़ की हड्डी में लचीलापन आता है, पाचन सुधरता है और मानसिक तनाव कम होता है।
4. अश्व संचालनासन (Equestrian Pose)
कैसे करे
- अब दाहिने पैर को पीछे की ओर जितना संभव हो उतना दूर ले जाएं।
- बायां घुटना मोड़कर आगे रखें और दोनों हाथों से जमीन को सहारा दें।
- छाती को खोलें, पीठ सीधी रखें और सिर को ऊपर की ओर उठाएं।
- दृष्टि सामने की ओर रखें और संतुलन बनाए रखें।
श्वास: सांस लें (inhale)।
लाभ: पीठ, जांघ और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करता है, आत्मविश्वास बढ़ाता है।
5. दंडासन (Stick Pose)
कैसे करे
- अब बाएं पैर को भी पीछे ले जाएं, जिससे पूरा शरीर एक सीधी रेखा में आ जाए।
- शरीर का भार दोनों हाथों और पैरों पर समान रूप से रखें।
- कंधे, पीठ, और एड़ियां एक सीध में होनी चाहिए।
- शरीर को बिल्कुल पुश-अप जैसी स्थिति में रखें।
श्वास: सांस रोके रखें (hold breath)।
लाभ: हाथों, कंधों और रीढ़ को शक्ति मिलती है, शरीर की मुद्रा सुधरती है।
6. अष्टांग नमस्कार (Salute with Eight Parts Pose)
कैसे करे
- सांस छोड़ते हुए घुटनों को जमीन पर टिकाएं।
- फिर छाती और ठुड्डी को धीरे से जमीन पर रखें।
- कूल्हों को ऊपर रखें ताकि शरीर के आठ भाग (दो हाथ, दो पैर, दो घुटने, छाती और ठुड्डी) जमीन को छूएं।
- यह एक ध्यान की मुद्रा है, इसलिए इसे स्थिर रखें।
श्वास: सांस छोड़ें (exhale)।
लाभ: पूरे शरीर को मजबूती मिलती है, दिल और फेफड़ों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
7. भुजंगासन (Cobra Pose)
कैसे करे
- अब शरीर को आगे की ओर खिसकाएं और छाती को ऊपर उठाएं।
- हथेलियों को कंधों के नीचे रखें और कोहनियों को मोड़ें।
- गर्दन को पीछे झुकाएं और दृष्टि ऊपर रखें।
- नाभि जमीन से ऊपर हो, लेकिन कमर पर ज़्यादा खिंचाव न डालें।
श्वास: सांस लें (inhale)।
लाभ: शरीर को डीटॉक्स करता है, रक्त संचार बेहतर करता है और पूरे शरीर को स्ट्रेच करता है।
8. पर्वतासन (Mountain Pose)
कैसे करे
- अब सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को ऊपर उठाएं।
- दोनों हाथों और पैरों को जमीन पर टिकाएं, शरीर उल्टे ‘V’ आकार में आना चाहिए।
- एड़ियों को जमीन पर टिकाने की कोशिश करें और सिर को नीचे रखें।
- पीठ और टांगों में अच्छी तरह खिंचाव आएगा।
श्वास: सांस छोड़ें (exhale)।
लाभ: संतुलन और लचीलापन बेहतर होता है।
9. अश्व संचालनासन (दूसरी बार)
कैसे करे
- अब दायां पैर आगे लाएं और बायां पीछे रखें।
- शरीर को पहले की तरह संतुलित रखें।
- छाती को खोलें, सिर ऊपर और दृष्टि सामने रखें।
श्वास: सांस लें (inhale)।
लाभ: मस्तिष्क को अधिक ऑक्सीजन मिलती है, तनाव घटता है।
10. पदहस्तासन (दूसरी बार)
कैसे करे
- बायां पैर आगे लाकर दोनों पैरों को साथ रखें।
- शरीर को झुकाकर हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें।
- माथा घुटनों से लगाने की कोशिश करें, घुटने सीधे रखें।
श्वास: सांस छोड़ें (exhale)।
लाभ: शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है, फेफड़े खुलते हैं।
11. हस्तउत्तानासन (दूसरी बार)
कैसे करे
- सांस भरते हुए शरीर को ऊपर उठाएं।
- हाथों को ऊपर सिर के पास ले जाएं और शरीर को पीछे की ओर झुकाएं।
- बाजुओं को कानों के पास रखें और दृष्टि ऊपर की ओर हो।
श्वास: सांस लें (inhale)।
लाभ: शरीर में ऊर्जा का प्रवाह होता है, फेफड़े खुलते हैं।
12. प्रणामासन (फिर से)
कैसे करे
- शरीर को सीधा करें और हाथों को छाती के सामने जोड़ लें।
- आंखें बंद करें और गहरी सांस लें।
- पूरे अभ्यास के लिए कृतज्ञता और शांति का भाव रखें।
श्वास: सांस छोड़ें (exhale)।
लाभ: अभ्यास को पूर्णता मिलती है, मन और शरीर संतुलित होते हैं।
यदि आप Surya Namaskar Asanas के साथ-साथ सूर्य नमस्कार की संपूर्ण जानकारी चाहते हैं तो हमारे अन्य लेखों PDF Surya Namaskar Steps, Surya Namaskar Poses, और benefits of Surya Namaskar में आपको क्रम, मुद्राएँ, लाभ और अभ्यास की विधियाँ विस्तार से मिलेंगी। इसके अलावा आप सूर्य मंत्र जैसे विषयों पर भी अवश्य पढ़ें जिससे आपकी सूर्य साधना पूर्ण और प्रभावशाली बन सके।
12 Asanas of Surya Namaskar के लाभ
- हर आसन मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूती कर शरीर को ताकत प्रदान करता है।
- मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है, जिससे हमारा मानसिक संतुलन अच्छा रहता है।
- शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं, और शरीर को डिटॉक्सिफिकेशन में सहायता करता है।
- विशेषकर महिलाओं में हार्मोन संतुलन लाने में मदद करता है।
- इसे करने से रक्त संचार अच्छा होता है, जिससे चेहरे पर निखार और बालों की सेहत सुधरती है।
FAQ
सूर्य नमस्कार करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
सुबह सूर्य उदय के समय, खाली पेट करना सबसे उत्तम माना जाता है।
क्या ये आसन शुरुआती लोगों के लिए कठिन हैं?
नहीं, सूर्य नमस्कार के आसन सरल हैं और नियमित अभ्यास से सहज हो जाते हैं।
क्या सभी आसनों को रोज़ करना ज़रूरी है?
हाँ, सभी 12 आसन मिलकर सूर्य नमस्कार को प्रभावी बनाते हैं और शरीर पर पूर्ण प्रभाव डालते हैं।

मैं पंडित सत्य प्रकाश, सनातन धर्म का एक समर्पित साधक और श्री राम, लक्ष्मण जी, माता सीता और माँ सरस्वती की भक्ति में लीन एक सेवक हूँ। मेरा उद्देश्य इन दिव्य शक्तियों की महिमा को जन-जन तक पहुँचाना और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जोड़ना है। मैं अपने लेखों के माध्यम से इन महान विभूतियों की कथाएँ, आरती, मंत्र, स्तोत्र और पूजन विधि को सरल भाषा में प्रस्तुत करता हूँ, ताकि हर भक्त अपने जीवन में इनकी कृपा का अनुभव कर सके। View Profile 🚩 जय श्री राम 🚩