सुनलो विनती हे पवन कुमार

सुनलो विनती हे पवन कुमार भजन भक्तों की हृदय से निकली पुकार है, जो संकटमोचन हनुमान जी से अपनी प्रार्थना सुनने की विनती करता है। हनुमान जी को पवनपुत्र कहा जाता है क्योंकि वे वायुदेव के पुत्र हैं और अपनी अपार शक्ति, अटूट भक्ति और दयालु स्वभाव के कारण भक्तों के हर संकट को हर लेते हैं। यह भजन हमें उनकी कृपा पाने और जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति की राह दिखाता है। जब भी भक्त सच्चे मन से उन्हें पुकारते हैं, हनुमान जी अवश्य उनकी प्रार्थना स्वीकार करते हैं।

Sunlo Vinti hey Pawan Kumar

सुनलो विनती हे पवन कुमार,
तन मन से तेरी करता हूँ पूजा।
सुन लो मेरी पुकार॥

माथे तिलक हाथ में घोटा
कांधे जनेऊ सोहे,
लाल बदन अरू लाल लंगोटा।

सबके मन को मोहे, घर-घर में है,
ज्योति जगे तेरी। महिमा अपरम्पार,
सुन लो विनती हे पवनकुमार॥

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
शंकर के अवतारी।
बज्र देह अतुलित बल बुद्धि,
पूजें सब नर नारी।

चढ़े चूरमा, ध्वजा नारियल,
सिर पर छत्र हजार,
सुन लो विनती हे पवनकुमार॥

सालासर में धाम तुम्हारा,
मेंहदीपुर छवि न्यारी।
पुनरासर और डूंगरगढ़ में,
तेरी महिमा भारी।

चैत्र सुदी, पूनम को आवैं,
लाखों ही नर-नार,
सुन लो विनती हे पवनकुमार॥

इस कलियुग में तेरे जैसा,
देव नहीं कोई दूजा।
श्रीमानस-मण्डल सरल भाव से,
करता है तेरी पूजा।

परशुराम भी, करता है तेरी,
विनती बारम्बार,
सुन लो विनती हे पवनकुमार॥

सुनलो विनती हे पवन कुमार,
तन मन से तेरी करता हूँ पूजा।
सुन लो मेरी पुकार॥

Sunlo Vinti hey Pawan Kumar यह भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि जब भी जीवन में किसी प्रकार की कठिनाई आए, तो हमें अपने संकटमोचन हनुमान जी को सच्चे मन से पुकारना चाहिए। उनकी कृपा से जीवन में नया प्रकाश आता है और भक्ति का मार्ग और भी सुगम हो जाता है। ऐसे ही हनुमान जी के प्रति अपनी आस्था को और भी दृढ़ करने के लिए जलाई दियो रे हनुमान जी ने लंका, बता हनुमान पियारा रे भाई कुण से देश ते आया, संकट में तू बालाजी का नाम जपना जैसे अन्य भजनों को भी करें और इनकी असीम कृपा को प्राप्त करें।

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