सुन माता अंजना ध्यान से तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता

सुन माता अंजना ध्यान से, तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता भजन भगवान हनुमान जी के बाल स्वरूप और उनकी अपार शक्ति को दर्शाता है। यह भजन माता अंजना के उस गौरव को व्यक्त करता है, जब वे अपने पुत्र हनुमान जी को पराक्रम, भक्ति और साहस के प्रतीक के रूप में देखती हैं। यह भावनात्मक भजन हनुमान जी के बाल्यकाल के दृश्यों को जीवंत करता है, जब वे अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर संसार को चकित कर देते हैं।

Sun Mata Anjana Dhyan Se Tera Lalla Akhade Me Dand Pelta

ना भागता फिरता ना कूदता गिरता,
ना ही किसी के संग खेल खेलता।
सुन माता अंजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

वायु को अपने भीतर भरे है,
छत्तीसों आसन योगा करे है।
रस्सा लटक जाये खम्बे पे डट जाये,
गोदे की गोदी में खेल खेलता।
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

मारे गलाचा जब ताल ठोके,
रखदे सभी को धोबी सा धोके।
हो कोई बलवान या फिर पहलवान,
सबको ही मिट्टी में रेलपेलता।
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

राम ही शिक्षा राम ही दीक्षा,
राम ही फल है राम परीक्षा।
राम उसका हर काम राम उसकी व्यायाम,
बस राम नाम की रोट बेलता।
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

तैरे तो तैरे दौड़े तो दौड़े,
बैठक लगाये मुद्गर ना छोड़े।
गिनती जो गिनती लगाये तो गिनती की,
गिनती को गिन गिन के टेलटेलता।
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

वो सब सहे जो सहते बने ना,
‘श्याम’ कवि से कहते बने ना।
सोना तपाने को कुंदन बनाने को,
तन पे हजारों ये कष्ट झेलता।
सुन माता अँजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

ना भागता फिरता ना कूदता गिरता,
ना ही किसी के संग खेल खेलता।
सुन माता अंजना ध्यान से,
तेरा लल्ला अखाड़े में दंड पेलता॥

Sun Mata Anjana Dhyan Se Tera Lalla Akhade Me Dand Pelta यह भजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हनुमान जी की भक्ति से हमें आत्मबल, धैर्य और अदम्य साहस की प्राप्ति होती है। जब भी जीवन में कठिनाइयाँ आएं, तो बजरंगबली का स्मरण करें, क्योंकि वे सदैव अपने भक्तों के लिए अडिग प्रहरी बनकर खड़े रहते हैं। जय श्रीराम! जय हनुमान॥

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