Hanuman Chalisa Hindi me pdf

Hanuman Chalisa Hindi Me Pdf | हनुमान चालीसा हिंदी में पीडीएफ

हनुमान चालीसा हिंदी में पीडीएफ एक पवित्र सामग्री है जो उन भक्तो के लिए एक अच्छा साधन है, जिनको ज्यादा भाषाओँ का ज्ञान नहीं है। हिंदी में होने के कारण इस पीडीऍफ़ को कोई भी आसानी से पढ़ सकता है और चालीसा का पाठ कर सकता है। आज के आधुनिक युग में जब हमारे पास …

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जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे, जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे। जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे, जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे। जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे, जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते। जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते, जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे। जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे, जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिव। एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:, गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा.

Durga Stotra | दुर्गा स्तोत्र: भक्ति और शक्ति का अद्वितीय संगम

दुर्गा स्तोत्र एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली भक्ति गीत है, जो देवी दुर्गा की महिमा और उनके असंख्य रूपों की वंदना करता है। Durga Stotra विशेष रूप से उन भक्तों द्वारा गाया या पाठ किया जाता है, जो माँ दुर्गा से आशीर्वाद और शक्ति की प्राप्ति चाहते हैं। इस स्तोत्र में देवी दुर्गा के विभिन्न …

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दुर्गा स्तोत्रम् जय भगवति देवि नमो वरदे जय पापविनाशिनि बहुफलदे, जय शुम्भनिशुम्भकपालधरे प्रणमामि तु देवि नरार्तिहरे। जय चन्द्रदिवाकरनेत्रधरे जय पावकभूषितवक्त्रवरे, जय भैरवदेहनिलीनपरे जय अन्धकदैत्यविशोषकरे। जय महिषविमर्दिनि शूलकरे जय लोकसमस्तकपापहरे, जय देवि पितामहविष्णुनते जय भास्करशक्रशिरोवनते। जय षण्मुखसायुधईशनुते जय सागरगामिनि शम्भुनुते, जय दु:खदरिद्रविनाशकरे जय पुत्रकलत्रविवृद्धिकरे। जय देवि समस्तशरीरधरे जय नाकविदर्शिनि दु:खहरे, जय व्याधिविनाशिनि मोक्ष करे जय वाञ्छितदायिनि सिद्धिवरे। एतद्व्यासकृतं स्तोत्रं य: पठेन्नियत: शुचि:, गृहे वा शुद्धभावेन प्रीता भगवती सदा।

Durga Stotram | दुर्गा स्तोत्रम्

दुर्गा स्तोत्रम् एक अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय श्लोक है, जो देवी दुर्गा की महिमा और शक्ति का वर्णन करता है। Durga Stotram विशेष रूप से भक्तों को मानसिक और शारीरिक बल प्रदान करने के लिए जाना जाता है। इस स्तोत्रम् में देवी दुर्गा की अनेक रूपों में पूजा की जाती है, जिनमें उनकी शक्ति, साहस …

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पंचमुखी हनुमान कवच लिरिक्स ॥श्री गणेशाय नमः॥ ॐ अस्य श्रीपञ्चमुख हनुमत्कवचमन्त्रस्य ब्रह्मा ऋषि: ॥गायत्री छंद:॥ पञ्चमुख-विराट् हनुमान् देवता। ह्रीं बीजम्। ॥श्रीं शक्ति:॥ क्रौं कीलकं। क्रूं कवचं। क्रैं अस्त्राय फट्। ॥श्री गरुड़ उवाच॥ अथ ध्यानं प्रवक्ष्यामि शृणु सर्वांगसुंदर, यत्कृतं देवदेवेन ध्यानं हनुमतः प्रियम्। पञ्चवक्त्रं महाभीमं त्रिपञ्चनयनैर्युतम्, बाहुभिर्दशभिर्युक्तं सर्वकामार्थसिद्धिदम्। पूर्वं तु वानरं वक्त्रं कोटिसूर्यसमप्रभ, दंष्ट्रा कराल वदनं भ्रुकुटिकुटिलेक्षणम्। अस्यैव दक्षिणं वक्त्रं नारसिंहं महाद्भुतम्, अत्युग्र तेज वपुष् भीषणं भय नाशनम्। पश्चिमं गारुडं वक्त्रं वक्रतुण्डं महाबलम्, सर्व नाग प्रशमनं विषभूतादिकृन्तनम्। उत्तरं सौकरं वक्त्रं कृष्णं दीप्तं नभोपमम्, पातालसिंहवेतालज्वररोगादिकृन्तनम्। ऊर्ध्वं हयाननं घोरं दानवान्तकरं परम्, येन वक्त्रेण विप्रेन्द्र तारकाख्यं महासुरम्। जघान शरणं तत् स्यात् सर्व शत्रु हरं परम्, ध्यात्वा पञ्चमुखं रुद्रं हनुमन्तं दयानिधिम्। खड़्गं त्रिशूलं खट्वाङ्गं पाशमङ्कुशपर्वतम्, मुष्टिं कौमोदकीं वृक्षं धारयन्तं कमण्डलुं। भिन्दिपालं ज्ञानमुद्रां दशभिर्मुनिपुङ्गवम्, एतान्यायुधजालानि धारयन्तं भजाम्यहम्। प्रेतासनोपविष्टं तं सर्वाभरणभूषितम्, दिव्य माल्याम्बरधरं दिव्यगन्धानुलेपनम्। सर्वाश्‍चर्यमयं देवं हनुमद्विश्‍वतो मुखम्, पञ्चास्यमच्युतमनेकविचित्रवर्णवक्त्रं। शशाङ्कशिखरं कपिराजवर्यम्, पीताम्बरादिमुकुटैरुपशोभिताङ्गं। पिङ्गाक्षमाद्यमनिशं मनसा स्मरामि। मर्कटेशं महोत्साहं सर्व शत्रु हरं परं, शत्रुं संहर मां रक्ष श्रीमन्नापदमुद्धर। ॐ हरिमर्कट मर्कट मंत्र मिदं परि लिख्यति लिख्यति वामतले, यदि नश्यति नश्यति शत्रुकुलं यदि मुञ्चति मुञ्चति वामलता। ॥ॐ हरि मर्कटाय स्वाहा॥ ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पूर्वकपिमुखाय सकलशत्रुसंहारकाय स्वाहा। ॐ नमो भगवते पञ्चवदनाय दक्षिणमुखाय करालवदनाय नरसिंहाय सकलभूतप्रमथनाय स्वाहा। ॐ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिममुखाय गरुडाननाय सकलविषहराय स्वाहा। ॐ नमो भगवते पंचवदनाय उत्तरमुखाय आदिवराहाय सकलसंपत्कराय स्वाहा। ॐ नमो भगवते पंचवदनाय ऊर्ध्वमुखाय हयग्रीवाय सकलजनवशकराय स्वाहा। ॐ श्री पंचमुख हनुमंताय आंजनेयाय नमो नमः॥

Panchmukhi Hanuman Kavach Lyrics | पंचमुखी हनुमान कवच लिरिक्स

पंचमुखी हनुमान कवच लिरिक्स एक अत्यंत शक्तिशाली और दिव्य हनुमान मंत्र के बोल है, जिसे भगवान हनुमान के पंचमुखी रूप की पूजा करने के लिए विशेष रूप से रचा गया है। Panchmukhi Hanuman Kavach Lyrics में भगवान हनुमान जी का बहुत ही सुन्दर वर्णन किया गया है। यह कवच उन भक्तों के लिए एक रक्षा …

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शिव तांडव स्तोत्रम् की HD इमेज में श्लोक स्पष्ट और सुगठित रूप से लिखे होते हैं, जिससे भक्त आसानी से इसे पढ़ और समझ सकते हैं। यह शुद्ध उच्चारण और ध्यान में सहायता करता है।

Shiv Tandav Stotram Hd Image | शिव तांडव स्तोत्र HD इमेज

आज के डिजिटल युग में शिव तांडव स्तोत्र HD इमेज भी अब ऑनलाइन उपलब्ध है। Shiv Tandav Stotram Hd Image में शिव के तांडव रूप, उनके जटाओं में गंगा, उनके सिर पर चंद्रमा, तीसरी आँख, और उनके हाथ में डमरू का अत्यंत ही सुन्दर और सजीव चित्रण किया गया है, जो भक्तों को मंत्रमुग्ध कर …

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यह PDF आपके पाठ को सरल बनाने के साथ-साथ इसे कभी भी और कहीं भी पाठ करने की सुविधा प्रदान करता है।

Shiv Tandav Stotram Pdf | शिव तांडव स्तोत्रम PDF

शिव तांडव स्तोत्रम PDF की तलाश आज के डिजिटल युग में बहुत प्रचलित हो गई है, क्योंकि इस स्तोत्र का पाठ करने वाले लोग इसे नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं। PDF फाइल की मदद से आप इसे कहीं भी और कभी भी पढ़ सकते हैं, जिससे यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए …

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शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ।1। जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी, विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि । धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके, किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ।2। धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर, स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे । कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि, क्वचिच्चिदम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि ।3। जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा, कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे । मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे, मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ।4। सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर, प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः । भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक,श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः।5। ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभा, निपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् । सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरं, महाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ।6। करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वल, द्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके । धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रक, प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम।7। नवीनमेघमण्डली निरुद्धदुर्धरस्फुरत्कु, हूनिशीथिनीतमः प्रबन्धबद्धकन्धरः । निलिम्पनिर्झरीधरस्तनोतु कृत्तिसिन्धुरः, कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ।8। प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा, वलम्बिकण्ठकन्दलीरुचिप्रबद्धकन्धरम् । स्मरच्छिदं पुरच्छिदं भवच्छिदं मखच्छिदं, गजच्छिदांधकच्छिदं तमन्तकच्छिदं भजे ।9। अगर्व सर्वमङ्गलाकलाकदम्बमञ्जरी, रसप्रवाहमाधुरी विजृम्भणामधुव्रतम् । स्मरान्तकं पुरान्तकं भवान्तकं मखान्तकं, गजान्तकान्धकान्तकं तमन्तकान्तकं भजे ।10। जयत्वदभ्रविभ्रमभ्रमद्भुजङ्गमश्वस, द्विनिर्गमत्क्रमस्फुरत्करालभालहव्यवाट् । धिमिद्धिमिद्धिमिध्वनन्मृदङ्गतुङ्गमङ्गल, ध्वनिक्रमप्रवर्तित प्रचण्डताण्डवः शिवः।11। दृषद्विचित्रतल्पयोर्भुजङ्गमौक्तिकस्रजोर्ग, रिष्ठरत्नलोष्ठयोः सुहृद्विपक्षपक्षयोः । तृणारविन्दचक्षुषोः प्रजामहीमहेन्द्रयोः, समं प्रव्रितिक: कदा सदाशिवं भजाम्यहम ।12। कदा निलिम्पनिर्झरीनिकुञ्जकोटरे वसन्वि, मुक्तदुर्मतिः सदा शिरः स्थमञ्जलिं वहन् । विमुक्तलोललोचनो ललामभाललग्नकः, शिवेति मंत्रमुच्चरन् कदा सुखी भवाम्यहम् ।13। निलिम्प नाथनागरी कदम्ब मौलमल्लिका-, निगुम्फनिर्भक्षरन्म धूष्णिकामनोहरः । तनोतु नो मनोमुदं विनोदिनींमहनिशं, रिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः।14। प्रचण्ड वाडवानल प्रभाशुभप्रचारणी, महाष्टसिद्धिकामिनी जनावहूत जल्पना । विमुक्त वाम लोचनो विवाहकालिकध्वनिः, शिवेति मन्त्रभूषगो जगज्जयाय जायताम्।15। इमं हि नित्यमेवमुक्तमुत्तमोत्तमं स्तवं, पठन्स्मरन्ब्रुवन्नरो विशुद्धिमेतिसंततम् । हरे गुरौ सुभक्तिमाशु याति नान्यथा गतिं, विमोहनं हि देहिनां सुशङ्करस्य चिंतनम् ।16। पूजावसानसमये दशवक्त्रगीतं, यः शम्भुपूजनपरं पठति प्रदोषे । तस्य स्थिरां रथगजेन्द्रतुरङ्गयुक्तां, लक्ष्मीं सदैव सुमुखिं प्रददाति शम्भुः।17। इति श्रीरावण कृतम् शिव ताण्डव स्तोत्र संपूर्णम

Shiv Tandav Stotram Lyrics In Hindi | शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी

शिव तांडव स्तोत्रम लिरिक्स इन हिंदी शिव भक्तो के लिए एक अद्भुत साधन हो सकता है। इस स्तोत्र के लिरिक्स में भगवान शिव की स्तुति और शक्ति का वर्णन किया गया है। यह रावण द्वारा लिखा गया है, जो भगवान शिव का परम भक्त माना जाता था। इस तांडव के बोल में भगवान शिव के …

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स्तोत्र भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती, वनारी अंजनीसूता, रामदूता प्रभंजना ।1। महाबळी प्राणदाता, सकळां उठवीं बळें, सौख्यकारी शोकहर्ता, धूर्त वैष्णव गायका ।2। दिनानाथा हरीरूपा, सुंदरा जगदंतरा, पाताळ देवता हंता, भव्य सिंदूर लेपना ।3। लोकनाथा जगन्नाथा, प्राणनाथा पुरातना, पुण्यवंता पुण्यशीला, पावना परतोषका ।4। ध्वजांगे उचली बाहू, आवेशें लोटिला पुढें, काळाग्नी काळरुद्राग्नी, देखतां कांपती भयें ।5। ब्रह्मांड माईला नेणों, आवळें दंतपंगती, नेत्राग्नी चालिल्या ज्वाळा, भृकुटी त्राहिटिल्या बळें ।6। पुच्छ तें मुरडिलें माथां, किरीटी कुंडलें बरीं, सुवर्णकटीकासोटी, घंटा किंकिणी नागरा ।7। ठकारे पर्वताऐसा, नेटका सडपातळू, चपळांग पाहतां मोठें, महाविद्युल्लतेपरी ।8। कोटिच्या कोटि उड्डाणें, झेपावे उत्तरेकडे, मंद्राद्रीसारिखा द्रोणू, क्रोधे उत्पाटिला बळें ।9। आणिता मागुता नेला, गेला आला मनोगती, मनासी टाकिलें मागें, गतीस तूळणा नसे ।10। अणूपासोनि ब्रह्मांडा, येवढा होत जातसे, तयासी तुळणा कोठें, मेरुमंदार धाकुटें ।11। ब्रह्मांडाभोंवते वेढे, वज्रपुच्छ घालूं शके, तयासि तूळणा कैचीं, ब्रह्मांडीं पाहतां नसे ।12। आरक्त देखिलें डोळां, गिळीलें सूर्यमंडळा, वाढतां वाढतां वाढे, भेदिलें शून्यमंडळा ।13। धनधान्यपशुवृद्धी, पुत्रपौत्र समग्रही, पावती रूपविद्यादी, स्तोत्र पाठें करूनियां ।14। भूतप्रेतसमंधादी, रोगव्याधी समस्तही, नासती तूटती चिंता, आनंदें भीमदर्शनें ।15। हे धरा पंधराश्लोकी, लाभली शोभली बरी, दृढदेहो निसंदेहो, संख्या चंद्रकळागुणें ।16। रामदासी अग्रगण्यू, कपिकुळासी मंडण, रामरूपी अंतरात्मा, दर्शनें दोष नासती ।17। इति श्रीरामदासकृतं संकटनिरसनं मारुतिस्तोत्रं संपूर्णम्

Maruti Stotra | मारुति स्तोत्र : दिव्य भक्ति पाठ

मारुति स्तोत्र भगवान हनुमान की स्तुति और आराधना का एक प्रसिद्ध पाठ है, जो भक्तों द्वारा संकटों से मुक्ति और शक्ति प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र, जिसे “हनुमान अष्टक” या “हनुमान चालिसा” के बाद सबसे प्रभावशाली स्तोत्रों में गिना जाता है, भगवान हनुमान की महिमा का गान है। हनुमान जी, जिन्हें “मारुति” …

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Maruti Stotra in hindi

Maruti Stotra in Hindi | मारुती स्तोत्र हिंदी में : एक आध्यात्मिक भक्ति पाठ

मारुती स्तोत्र हिंदी में उपलब्ध एक पारंपरिक और धार्मिक स्तोत्र है जो भगवान हनुमान के गुणों का बखान करता है। इसमें हनुमान जी के चमत्कारों, तपस्या, और राम के प्रति उनकी भक्ति का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र में एक अलग ही भक्तिभाव और भगवान के प्रति श्रद्धा दिखाई देती है। मारुती स्तोत्र भक्तों के …

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Shiv Panchakshar Stotra | शिव पंचाक्षर स्तोत्र : 

शिव पंचाक्षर स्तोत्र हमरे हिन्दू धर्म का अत्यधिक महत्वपूर्ण मन्त्र है। Shiv Panchakshar Stotra श्लोक सभी शिव भक्तों के लिए आदर्श माना जाता है। इस स्तोत्र में भगवान शिव की असीम कृपा समाहित है जिसका अनुभव इस स्तोत्र का पाठ करने वाले भक्त कर सकते है। नियमित रूप से इस स्तोत्र का जाप करके भगवान शिव की विशेष …

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