सीता मैया ने मुझको बताया मैं नहाकर सिंदुर लगाया

सीता मैया ने मुझको बताया, मैं नहाकर सिंदूर लगाया भजन हनुमान जी की प्रेमपूर्ण भक्ति और उनकी सादगी को दर्शाता है। यह कथा प्रसिद्ध है कि जब हनुमान जी ने माता सीता को सिंदूर लगाए देखा, तो उन्होंने इसका कारण पूछा। माता सीता ने बताया कि यह श्रीराम की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए है। यह सुनकर हनुमान जी ने अपने संपूर्ण शरीर पर सिंदूर लगा लिया, ताकि वे अपने प्रभु श्रीराम के लिए अधिक से अधिक कल्याणकारी बन सकें। यह भजन हनुमान जी की निस्वार्थ भक्ति, उनकी बालसुलभ श्रद्धा और उनके अनन्य प्रेम को उजागर करता है।

Sita Maiya Ne Mujhko Btaya Main Nahakar Sindur Lagaya

सीता मैया ने मुझको बताया,
मैं नहाकर सिंदुर लगाया॥

दोहा

बजरंगबली को सुमरिये,
और धरीये चित्त में ध्यान।
संकट में रक्षा करें,
बाबा वीर बली हनुमान॥

सीता मैया ने मुझको बताया,
मैं नहाकर सिंदुर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

मेरे स्वामी की उम्र बढ़ाता सिंदुर,
मेरे स्वामी की उम्र बढ़ाता सिंदुर।
माँ ने माथे पर इसको लगाया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

रूप देख लिया राम मुस्काने लगे,
रूप देख लिया राम मुस्काने लगे।
हो मुझे तेरा यह रूप लुभाया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

भक्त नहीं होगा बजरंग तुमसे बड़ा,
भक्त नहीं होगा बजरंग तुमसे बड़ा।
सदा राम जी की है छतरछाया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

हनुमान फिर झुमकर नाचन लगे,
हनुमान फिर झुमकर नाचन लगे।
हो मैंने आज प्रभु को रिझाया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

जो चढ़ाएं सिंदूर बालाजी तुम्हें,
जो चढ़ाएं सिंदूर बालाजी तुम्हें।
वहीं मौज करें सुख पाया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

सीता मैया ने मुझकों बताया,
मैं नहाकर सिंदुर लगाया।
हो मेरी मैया ने मुझको बताया,
मैं नहा के सिंदूर लगाया॥

Sita Maiya Ne Mujhko Btaya Main Nahakar Sindur Lagaya भजन के माध्यम से भक्तों को यह संदेश मिलता है कि यदि हम भी हनुमान जी की तरह निस्वार्थ प्रेम और समर्पण भाव से अपने ईष्ट की आराधना करें, तो हमारा जीवन भी धन्य हो जाएगा। उनका सिंदूर प्रेम और भक्ति का प्रतीक है, जो हमें यह प्रेरणा देता है कि प्रभु के प्रति श्रद्धा में कोई संकोच नहीं होना चाहिए। ऐसे ही इनके हनुमत डटे रहो आसन पर जब तक कथा राम की होय, हमपे कर दो मेहर की नजरिया बजरंगबली, सब कुछ हनुमान तुम्ही से है भजनों को करने से आपको अलौकिक भक्ति से निःस्वार्थ प्रेम, समर्पण और सच्चे भक्ति मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।

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