Siddha Kunjika Stotram | सिद्ध कुंजिका स्तोत्र : चमत्कारी मंत्र

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र माँ दुर्गा की एक प्राचीन संस्कृत मंत्र है, जो उनके शक्तियों का वर्णन करता है। यह Siddha Kunjika Stotram बहुत ही चमत्कारी मंत्र है। इस मंत्र का गोपनीय जाप करने से भक्तों को अधिक लाभ और सफलता मिलता है।

॥सिद्धकुञ्जिकास्तोत्रम्॥

शिव उवाच
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्…
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत !! 1 !!

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्
न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम् !!
2 !!

कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्
अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम् !!
3 !!

गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् !!
4 !!

॥अथ मन्त्रः॥

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं स:
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा !!

॥इति मन्त्रः॥

नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि
नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि !!
1 !!

नमस्ते शुम्भहन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि !! 2 !!

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरूष्व मे
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका !! 3 !!

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते
चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी !!
4 !!

विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि !! 5 !!

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु !!
6 !!

हुं हुं हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः !!
7 !!

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा !!
8 !!

सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे !!
इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति !!

यस्तु कुञ्जिकाया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत्
न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा !!
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम्।

!! ॐ तत्सत् !!

यह स्तोत्रम देवी दुर्गा को समर्पित है इस लिए आप इस स्तोत्र के साथ Durga Gayatri Mantra, Durga Maa Ki Aarti, Durga Chalisa, durga stotram, एवं durga saptashati mantra का जाप भी कर सकते हैं। जो आपके लिए लाभकारी हो सकता है। इन पाठों को करने से आपके ऊपर माता का आशीर्वाद सदैव बना होता है।

Siddha Kunjika Stotram का पाठ करने की विधि

  • स्नान और शुद्धि: इस मंत्र का ध्यान करने से पहले स्नान करके साफ -सुथरे  और आराम दायक वस्त्र पहने।
  • पूजा स्थल का चयन: स्तोत्र का पाठ करने के लिएआप  एक शांत स्थान का चुनाव करे जहा कोई भी आप की पूजा में बाधा न डाल सके।
  • पूजा स्थल की सजावट: पूजा स्थल को दीप, धूप, फूल,माला इत्यादि से सजा लें।  
  • मूर्ति स्थापना :  पूजा स्थल पर माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें। 
  • पूर्ण श्रद्धा और विश्वास : मंत्र बहुत ही पॉवरफुल मंत्र है तो इस का जाप आप पूर्ण श्रद्धा और विश्वास से करें। 
  • मजूबत इच्छा शक्ति :  याद रखे की आप जब भी आध्यत्मिक शक्तियों का अभ्यास करते है तो प्राकृति रूपी शक्ति आप की परीक्षा लेना शुरू कर देती है तो आप घबड़ाये नहीं आप अपनी मजबूत इच्छा शक्ति बनाये रखे और इस मंत्र का जाप छोड़ें नहीं। 
  • ध्यान और मन्त्र उच्चारण: स्तोत्र को आप पुरे ध्यान से मंत्र उच्चारण करे। 
  • आरती और प्रणाम: मन्त्र पाठ के बाद, माँ दुर्गा की आरती करें और उन्हें प्रणाम करके उनसे आशीर्वाद मांगे।
  • नियमितता: स्तोत्र का प्रतिदिन नियमित पाठ करने का प्रयास करें, विशेषकर नवरात्रि या दुर्गा पूजा के समय ।

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ से होने वाले लाभ निम्नलिखित है

  • मानसिक शांति: इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक चन्ताओं का समापन होता है और मन स्थिर होता है। 
  • रोग निवारण: स्तोत्र का नियमित पाठ करने से रोगों का नाश होता है और हमारा शरीर  स्वास्थ्य रहता है। 
  • लक्ष्य की प्राप्ति : इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पाता है. 
  • भक्ति में वृद्धि: स्तोत्र का पाठ करने से भक्ति और भगवान के प्रति आप का गहरा प्रेम जुड़ जाता है। 
  • कष्ट और दुःखों का निवारण: इस स्तोत्र का जाप करने से  व्यक्ति को कष्ट और दुःखों से मुक्ति मिलती है। और व्यक्ति को सकारात्मक ऊर्जा मिलता है। 
  • समृद्धि और धन की प्राप्ति: स्तोत्र का पाठ करने से माँ दुर्गा आप के जीवन को धनधान्य से भर देती है। 
  • बुरी शक्तियों से रक्षा: माँ दुर्गा की स्तुति करने से आप के ऊपर आने वाली बुरी शक्तियों से आप की रक्षा करती हैं। 
  • प्रेम और सामंजस्य: स्तोत्र का पाठ करने से व्यक्ति पारिवारिक और सांसारिक जीवन में सन्तुलन बनाये रखता है और घर में तथा आस -पास  शांति और एकता का माहोल बना रहता है।

कब करना चाहिए:

  • नवरात्रि उत्सव: स्तोत्र का पाठ आप नवरात्रि के शुभ समय पर के कर सकते है। यह समय नौ देवियों का समय होता है।
  • महीने के पहले शुक्ल पक्ष के मंगलवार: स्तोत्र का पाठ महीने के पहले शुक्ल पक्ष के मंगलवार को करना उत्तम माना जाता है। मंगलवार को माँ दुर्गा के लिए खास दिन होता है। इस दिन स्तुति करने से अधिक फल मिलता है।
  • सूर्योदय के समय:  सूर्योदय का समय भी स्तोत्र के लिए उचित समय माना जाता है क्युकि यह समय शांत और ऊर्जा प्रदान करने वाला समय होता है।

FAQ

स्तोत्र का पाठ कब करे ?

यदि आप के पास समय हो तो आप प्रतिदिन पाठ कर सकते हैं यदि यह सम्भव नहीं है तो इस स्तोत्र का पाठ नवरात्रि के समय , महीने के पहले शुक्ल पक्ष के मंगलवार को , और सूर्योदय के समय कर सकते हैं। 

स्तोत्र का पाठ कैसे करे ?

 को कौन-कौन कर सकता है?

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