Shiv Panchakshar Mantra | शिव पंचाक्षर मंत्र

शिव पंचाक्षर मंत्र शिव के आराधना के लिए प्रयोग किया जाता है। इस मंत्र का जाप भगवान शिव को अति शीघ्र प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस Shiv Panchakshar Mantra को सबसे पहला मंत्र माना जाता है। यह शिव मंत्र बहुत ही सरल और प्रभावी है जिसका जाप कोई भी आसानी से कर सकता है।

पंचाक्षर मंत्र पाँच अक्षरों “नमः शिवाय” से मिकार बना है जिसे समस्त वेदों का सार माना जाता है। सम्पूर्ण संसार की भलाई और कल्याण के लिए आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंत्र की रचना की। इस मंत्र  का जाप करने से आपका सौभाग्य खुल जाता है, दोषों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति मोक्ष को प्राप्त होता है। यहाँ हमने आपको मंत्र और इस मंत्र जाप से होने वाले लाभों को बताया है। जिसका आप आसानी से जाप कर सकते हैं।

शिव पंचाक्षर मंत्र

नमः शिवाय

अर्थ: हे देवे के देव महादेव अर्थात शिव मै आपके चरणों में बार-बार नमन करता हूँ।

भगवान शिव के अन्य मंत्र भी होते हैं जो आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं जैसे – Shiv Dhyan Mantra, Shiv Gaytri Mantra इत्यादि होते हैं।

Shiv Panchakshar Mantra के जाप करने की विधि 

  1. स्नान – मंत्र जाप करने से पहले आप सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहने। 
  2. पूजास्थान – इसके बाद पूजास्थान की सफाई कर ले। मंत्र जाप के लिए शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें।  
  3. आसन – पूजा स्थल पर भगवन शिव की प्रतिमा स्थापित करें और एक आसन बिछाकर आराम से बैठ जाये। आप घर के मंदिर में भी मंत्र जाप कर सकती है।
  4. अभिषेक – भगवान शिव का दूध, गंगाजल, फूल और दही से अभिषेक करें। 
  5. अर्पित करे – आप अभिषेक के बाद बेलपत्र, चंदन, अक्षत, रोली, कपूर इत्यादि चढ़ाये। 
  6. जाप – अब शांत मुद्रा में बैठकर इस मंत्र का जाप करें। मंत्र जाप करते समय किसी भी प्रकार का ईष्या और बुरी भावना मन में न लाएं।
  7. रुद्राक्ष – आप सच्ची श्रद्धा से 108 दाने वाले रुद्राक्ष की माला के साथ मंत्र का जाप कर सकती है। 
  8. आरती – जाप खत्म करने के बाद आप शिव जी की आरती करें और आरती को सभी लोगो को दें।
  9. आशीर्वाद – आरती समाप्त होने के बाद महादेव जी से मनोकामनापूर्ण होने का आशीर्वाद मांगे। 
  10. सफाई : पूजा समाप्त होने के बाद पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर दे।

मंत्र का जाप करने से होने वाले लाभ 

  • सौभाग्य – इस मंत्र के जाप से आप अपने चारों दिशाओं के सौभाग्य प्राप्त करते हैं और जीवन को सफल बना सकती है
  • मनोकामना – इस मंत्र के जाप करने से आपकी सारि मनोकामना पूर्ण होती है।  
  • ग्रहदोष – पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से भक्त के जीवन में सारे ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। 
  • पापों से मुक्ति – भगवान शिव के इस मंत्र के जाप करने से पापों का पश्चाताप किया जा सकता है और उससे मुक्ति प्राप्त की जा सकती है
  • व्यवसाय में उन्नति –मंत्र जाप से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है जिससे भक्त अपने व्यवसाय में उन्नति प्राप्त करते है और आर्थिक संकटों से छुटकारा मिलता है
  • मन की शांति – इस मंत्र के जाप से व्यक्ति को जीवन में मन की शांति प्राप्त होती है। 
  • अध्यात्म – महादेव के इस मंत्र के जाप से आप अध्यात्म से जुड़ जाते है और अध्यात्म में उन्नति प्रदान करते हैं। 
  • सकारात्मक ऊर्जा: मंत्र जाप से सभी नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र जाप से भक्तो को धार्मिक ज्ञान की प्राप्ति होती है जिससे उन्हें आत्मिक शांति प्राप्त होती है।

FAQ

इस मंत्र का जाप कब  करना चाहिए ?

सुबह के समय में मंत्र का जाप करना चाहिए क्योकि यह समय मंत्र जप के लिए सबसे शुभ माना जाता है

शिव जी के पंचाक्षर मंत्र का जाप क्यों करना चाहिए ?

पंचाक्षर मंत्र का जाप किस दिन से शुरू करना चाहिए ?

इस मंत्र को कौन-कौन कर सकता है ?

मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए ?

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