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शिव लिंग फोटो | Shiv Ling Pic : आस्था, पूजन और शक्ति का प्रतीक

शिव लिंग फोटो शिव के आराधन और भक्ति का साधन है जो भक्तो को शिव के प्रेम से जोड़ता है। इस फोटो में शिव जी के प्रतीक शिवलिंग को दर्शाया जाता है, और उनको पूजा जाता है। Shiv Ling Pic धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। भक्त इस फोटो की आराधना करके … Read more

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Shiv Ling Image | शिव लिंग इमेज : अद्वितीय शक्ति और आस्था का प्रतीक

शिव लिंग इमेज धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। Shiv Ling Image को ब्रह्मांड की अनंतता, जीवन के आधार, और सृष्टि के उत्पत्ति के प्रतीक के रूप में देखा जाता है जो की शिव जी का ही प्रतीक है। शिव जी फोटो केवल भक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह आत्मा और … Read more

Dwadash Jyotirling Stotram सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ! भक्तप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये !! १ !! श्रीशैलशृङ्गे विविधप्रसङ्गे शेषाद्रिशृङ्गेऽपि सदा वसन्तम् ! तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेनं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् !! २ !! अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ! अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् !! ३ !! कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ! सदैव मान्धातृपुरे वसन्तं ओङ्कारमीशं शिवमेकमीडे !! ४ !! पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसं तं गिरिजासमेतम् ! सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि !! ५ !! याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये विभूषिताङ्गं विविधैश्च भोगैः ! सद्भक्तिमुक्तिप्रदमीशमेकं श्रीनागनाथं शरणं प्रपद्ये !! ६ !! महाद्रिपार्श्वे च तटे रमन्तं सम्पूज्यमानं सततं मुनीन्द्रैः ! सुरासुरैर्यक्ष महोरगाढ्यैः केदारमीशं शिवमेकमीडे !! ७ !! सह्याद्रिशीर्षे विमले वसन्तं गोदावरितीरपवित्रदेशे ! यद्दर्शनात् पातकं पाशु नाशं प्रयाति तं त्र्यम्बकमीशमीडे !! ८ !! श्रीताम्रपर्णीजलराशियोगे निबध्य सेतुं विशिखैरसङ्ख्यैः ! श्रीरामचन्द्रेण समर्पितं तं रामेश्वराख्यं नियतं नमामि !! ९ !! यं डाकिनिशाकिनिकासमाजे निषेव्यमाणं पिशिताशनैश्च ! सदैव भीमादिपदप्रसिद्धं तं शङ्करं भक्तहितं नमामि !! १० !! सानन्दमानन्दवने वसन्तं आनन्दकन्दं हतपापबृन्दम् ! वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये !! ११ !! इलापुरे रम्यविशालकेऽस्मिन् समुल्लसन्तं च जगद्वरेण्यम् ! वन्दे महोदारतरस्वभावं घृष्णेश्वराख्यं शरणं प्रपद्ये !! १२ !! ज्योतिर्मयद्वादशलिङ्गकानां शिवात्मनां प्रोक्तमिदं क्रमेण ! स्तोत्रं पठित्वा मनुजोऽतिभक्त्या फलं तदालोक्य निजं भजेच्च !! !! इति श्री द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तोत्र पूर्ण !!

द्वादश ज्योतिर्लिंग | Dwadash Jyotirling Stotram : दर्शन से अध्यात्म जीवन सफल

हिन्दू मान्यता के अनुसार जब तक आप द्वादश ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर लेते तब तक आप अध्यात्म जीवन पूर्ण नहीं माना जाता है। ये सभी ज्योतिर्लिंग सामान्य नहीं होते है ,ऐसा माना जाता है की इन बारह जगहों पर भगवान भोलेनाथ ने खुद दर्शन दिए तब जाकर ये ज्योतिर्लिंग उतपन्न हुए हैं। इन ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने … Read more