शिव मंत्र इन संस्कृत: भगवान शिव के शक्तिशाली मंत्र संस्कृत में

भगवान शिव के मंत्रों का जाप सिर्फ भक्ति नहीं, बल्कि ऊर्जा और आत्मशांति का अनुभव भी कराता है। शिव मंत्र इन संस्कृत को सुनना और जाप करना साधक के जीवन को सकारात्मकता से भर देता है। इस लेख में हम प्रमुख Shiv Mantra In Sanskrit को बताएंगे, ताकि आप इन मंत्रों का जाप कर सकें और इन्हे अपने दैनिक जीवन में उपयोग भी कर सकें-

Shiv Mantra In Sanskrit

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥

पंचाक्षरी मंत्र

ॐ नमः शिवाय।

रुद्र गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

शिव ध्यान मंत्र

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वा अपराधम्।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥

शिव के अन्य प्रिय मंत्र

ॐ सर्वात्मने नम:॥

ॐ त्रिनेत्राय नम:॥ 

ॐ हराय नम:॥

ॐ इन्द्रमुखाय नम:॥

ॐ श्रीकंठाय नम:॥

ॐ वामदेवाय नम:॥

ॐ तत्पुरुषाय नम:॥

ॐ ईशानाय नम:॥

ॐ अनंतधर्माय नम:॥

ॐ ज्ञानभूताय नम:॥

ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:॥

ॐ प्रधानाय नम:॥

ॐ व्योमात्मने नम:॥

ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:॥

Shiv Mantra In Sanskritमहामृत्युंजय मंत्रॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥पंचाक्षरी मंत्रॐ नमः शिवाय।रुद्र गायत्री मंत्रॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥शिव ध्यान मंत्रकरचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा
श्रवणनयनजं वा मानसं वा अपराधम्।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो॥शिव के अन्य प्रिय मंत्रॐ सर्वात्मने नम:॥ॐ त्रिनेत्राय नम:॥ ॐ हराय नम:॥ॐ इन्द्रमुखाय नम:॥ॐ श्रीकंठाय नम:॥ॐ वामदेवाय नम:॥ॐ तत्पुरुषाय नम:॥ॐ ईशानाय नम:॥ॐ अनंतधर्माय नम:॥ॐ ज्ञानभूताय नम:॥ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:॥ॐ प्रधानाय नम:॥ॐ व्योमात्मने नम:॥ॐ युक्तकेशात्मरूपाय नम:॥

तो यहां आपके लिए rudra beej mantra और shiv gayatri mantra lyrics जैसे मंत्रो को दिया गया है जिसका पाठ शिव को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। शिव मंत्रों का प्रभाव तभी पूर्ण होता है जब हम उन्हें श्रद्धा, नियम और समझ के साथ अपनाते हैं। शिव मंत्र इन संस्कृत जाप के साथ आप शिव जी की आरती लिरिक्स भी जरूर करिएगा, ये आपके जाप को और दिव्यता प्रदान करते है।

शिव मंत्र का जाप कब और कैसे करें?

यहां हमने आपके सुविधा के लिए मंत्र जाप करने की एक सारा विधि और सही समय को बताया है जो आपके लिए उपयोगी हो सकता है-

  • सही समय: मंत्र का जाप प्रातः ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) के बीच करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इस समय वातावरण शांत होता है और साधक की ऊर्जा सबसे अधिक सकारात्मक होती है।
  • स्वच्छता: जाप से पहले स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। पुरुष सफेद या हल्के रंग के वस्त्र और महिलाएं पीले या गुलाबी रंग के वस्त्र पहन सकती हैं।
  • पूजन स्थान: घर के मंदिर में या किसी शांत कोने में शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति के सामने आसन बिछाएँ। दीपक जलाएं, जल, बेलपत्र, अक्षत (चावल), धूप, और सफेद पुष्प अर्पित करें।
  • मंत्र जाप: अब Shiv ji Mantra In Sanskrit का जाप रुद्राक्ष माला से करें, जो शिवजी को अत्यंत प्रिय है। हर मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट होना चाहिए।
  • मानसिक एकाग्रता: जाप के दौरान मन को भटकने से रोकें, हर मंत्र के साथ अपने भीतर शिव तत्व की उपस्थिति को महसूस करें।
  • नियमितता: यदि संभव हो तो इन मंत्रों का नित्य (रोज़ाना) जाप करें। श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया मंत्र जाप न केवल आध्यात्मिक रूप से उन्नति करता है, बल्कि जीवन की कठिनाइयों को भी दूर करता है।

जाप विधि अलग अलग हो सकती है लेकिन Shiv Mantra In Sanskrit जाप पूरी श्रद्धा और मन से करना जरुरी होता है। इसलिए आप अपनी विधि के अनुसार भी जाप को पुरे मन से कर सकते है।

FAQ

क्या शिव मंत्र का संस्कृत उच्चारण जरूरी है?

हाँ, संस्कृत उच्चारण से मंत्र की ऊर्जा और प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

क्या शिव मंत्र रात्रि में भी पढ़ा जा सकता है?

शिव मंत्र का जाप कौन-कौन कर सकता है?

क्या मंत्र जाप माला से ही करना ज़रूरी है?

शिव मंत्र से क्या लाभ होते हैं?

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