ओ भोले नाथ जी तेरा द्वार बड़ा चंगा भजन लिरिक्स

भगवान शिव का दरबार हर भक्त के लिए खुला है—चाहे वह किसी भी जाति, वर्ग, या पंथ से हो। वे अपने भक्तों की भक्ति और श्रद्धा को ही सर्वोपरि मानते हैं। भजन ओ भोलेनाथ जी तेरा द्वार बड़ा चंगा इसी भाव को दर्शाता है, जहाँ एक भक्त भोलेनाथ के दरबार की महिमा का गुणगान करता है। आइए, इस भजन को पढ़कर हम भी शिव जी की कृपा का अनुभव करें और उनके दरबार में शीश नवाएं।

Vo Bhole Nath Ji Tera Dwar Bada Changa

ओ भोले नाथ जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा
ओ महादेव जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा
सिर पर सोहे भोले,
सदा मात गंगा
ओ भोलें नाथ जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा।।

कैलाशो के वासी
महादेव त्रिपुरारी,
डम डम डमरू बोले
नंदी की सवारी,
चिलम लगाओ भोला
पियो सदा भंगा,
ओ भोलें नाथ जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा।।

द्वार तेरे जो भी आया
खाली ना जावे,
सारा ब्रम्हांड तेरे
आगे सर झुकावे,
मस्त मलंगा भोला
भस्मी लगावत अंगा,
ओ भोलें नाथ जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा।।

भोले के भक्त होते
सबसे निराले,
जय महाकाल भोले
डमरूवा वाले,
‘लहरु’ ये गाता शंकर
तेरे सदा रंग में रंगा
ओ भोलें नाथ जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा।।

ओ भोले नाथ जी
तेरा द्वार बड़ा चंगा,
ओ महादेव जी
तेरा द्वार बड़ा चंगा,
सिर पर सोहे भोले
सदा मात गंगा,
ओ भोलें नाथ जी,
तेरा द्वार बड़ा चंगा।।

भोलेनाथ का दरबार उनकी असीम कृपा और करुणा का प्रतीक है। जो भी श्रद्धा और समर्पण के साथ उनके द्वार पर आता है, वह कभी खाली हाथ नहीं लौटता। शिव जी केवल सांसारिक सुख ही नहीं, बल्कि आत्मिक शांति और मोक्ष का वरदान भी प्रदान करते हैं। अगर आप शिव भक्ति में और अधिक डूबना चाहते हैं, तो मेरे भोले बाबा तुझसे मांगू मैं क्या, शिव गौरां के मिलन का उत्सव मिलकर सब मना लो , उज्जैन के राजा तुमको आना पड़ेगा , और महाकाल की नगरी मेरे मन को भा गई जैसे अन्य भजनों को भी पढ़ें और महादेव की भक्ति का आनंद लें। हर-हर महादेव! 🚩

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